पाकिस्तान से निकाले गए हजारों अफगान नागरिक, तोरखम बॉर्डर पर भारी भीड़ जुटी।

तोरखम (पाकिस्तान) : पाकिस्तान लगातार अपने यहाँ के अवैध प्रवासियों को बाहर निकाल रहा है। अफगानिस्तान में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद लाखों लोगों ने बेहतर जीवन जीने के लिए अपने देश छोड़कर पाकिस्तान और ईरान में शरण ली थी, लेकिन यहां भी उनका जीवन बद से बदतर होता चला गया। पाक सरकार अब इन सभी अफगानियों को बाहर निकाल रही हैं। इसी बीच 9 अप्रैल को पाकिस्तान से तोरखम सीमा पार करके 5,236 अफगान नागरिकों को वापस भेजा गया है। पाकिस्तानी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। हालाँकि वैध तौर पर भी पाकिस्तान में रह रहे अफगानियों को भी पाकिस्तान लगातार बाहर कर रहा है, जिससे दोनों देशों में ठन गई है। वहीँ अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भी पाकिस्तान पर लगातार हमले कर रही है।

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अधिकारियों के मुताबिक, वापस लाए गए लोगों में से 3,865 अफगान नागरिक स्वेच्छा से लांडी कोटल ट्रांजिट कैंप पहुंचे। इसके अलावा, पंजाब में पकड़ गए 107 अफगान नागरिकों को निर्वासन के लिए तोरखम ले जाया गया। इसके अलावा, अधिकारियों के मुताबिक, 295 अफगान नागरिकों को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर से वापस भेजा गया है। पाकिस्तान में चल रहे अभियान के बीच, अफगान नागरिक कार्ड धारकों को भी अफगानिस्तान वापस भेजा जा रहा है। यह सिलसिला लगातार जारी है। 

पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री ने दी ये चेतावनी :

पाकिस्तान के गृह राज्यमंत्री तलाल चौधरी ने गुरुवार को कहा कि अफगान नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वापस भेजा जा रहा है। इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चौधरी ने कहा कि अफगान नागरिकों की सुविधा के लिए पाकिस्तान के सभी प्रांतों में ट्रांजिट पॉइंट बनाए जा रहे हैं और उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि मार्च में समाप्त हुई समय सीमा को आगे बढ़ाए बिना, अफ़गान नागरिक कार्ड धारकों सहित विदेशों से अवैध नागरिकों का प्रत्यावर्तन जारी रहेगा। उनके मुताबिक, अब तक 857,157 अवैध विदेशी नागरिकों और अफ़गान नागरिक कार्ड धारकों को उनके संबंधित देशों में वापस भेजा जा चुका है। बाकियों को भी भेजने की कवायद जारी है।

सामने आया ये पूरा मामला :

गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने उन्हें 31 मार्च तक देश छोड़ने की समय सीमा दी थी। वहीँ चौधरी ने कहा है कि समय सीमा समाप्त हो चुकी है और इसे आगे नहीं बढ़ाया जायेगा. मंत्री ने कहा, “एक-दस्तावेज़ व्यवस्था को पूरी तरह से लागू किया जाएगा, जिसके तहत पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए वैध वीज़ा और पासपोर्ट की आवश्यकता होगी।” उन्होंने कहा कि जिन अफ़गान नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है, वे एक-दस्तावेज़ व्यवस्था नीति के तहत पाकिस्तान में आ सकते हैं, काम कर सकते हैं और रह सकते हैं, बशर्ते उनके पास वैध पासपोर्ट और वीज़ा हों। ऐसे में पाकिस्तान सरकार ने उनके लिये रास्ता सुझाया है।

किसे भेजा जाएगा वापस :

तलाल चौधरी ने याद दिलाया कि अवैध विदेशी नागरिकों को वापस भेजने की नीति अक्टूबर 2023 से लागू है। उन्होंने कहा कि प्रत्यावर्तन चरणों में पूरा किया जायेगा। पहले चरण के तहत, पाकिस्तान ने बिना कानूनी दस्तावेज़ों वाले अवैध विदेशी नागरिकों को उनके देशों में वापस भेजा जा सकेगा। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे चरण में पाकिस्तान अफगान नागरिक कार्डधारकों को उनके वतन वापस भेज रहा है, जबकि तीसरे चरण में पंजीकरण प्रमाण पत्र रखने वाले अफगान नागरिकों को उनके देश वापस भेजा जायेगा।

इस मामले में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने दशकों तक लाखों अफगान नागरिकों की मेजबानी करने के बाद यह फैसला किया है। तलाल चौधरी ने कहा कि मौजूदा जमीनी हकीकत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि अफगान नागरिक पाकिस्तान में नशीले पदार्थों के व्यापार और आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि नशीले पदार्थों से अर्जित राजस्व का इस्तेमाल आतंकवादी और आपराधिक गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया जा रहा है। पंजीकृत अफगान नागरिकों के आंकड़े के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 815,247 अफगान नागरिक नागरिक कार्ड धारकों के रूप में पंजीकृत हैं, जबकि 1,469,522 पंजीकरण प्रमाण कार्यक्रम के तहत पंजीकृत हैं। ऐसे में सभी अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी रहेगी।