रायपुर : आम तौर पर कोई व्यक्ति अपने जीवन काल में सिर्फ एक मकान ही बना पाता है, मकान बनाना बहुत मशक्कत वाला काम और लागत वाला काम होता है, वहीँ जब मकान निर्माण की सामग्री का दाम बढ़ता है तो मकान बनाते समय बजट गड़बड़ा जाता है। वहीँ अब भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में एक बार फिर से तेजी आने लगी है। इधर माहभर में ही रेत की कीमतों में 4,000 रुपये की बढ़ोत्तरी हो गई है। दिसंबर के पहले सप्ताह तक 13 हजार रुपये (700 फीट) हाईवा बिकने वाली रेत इन दिनों 17 हजार रुपये (700 फीट) हो गई है।
व्यापारियों का कहना है कि इन दिनों रेत की सप्लाई भी थोड़ी प्रभावित हुई है। इसके चलते आने वाले दिनों में रेत की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। अब बाजार में धीरे-धीरे मांग भी शुरू हो गई है। इसका असर ही कीमतों में देखने को मिल रहा है। रेत के साथ ही सीमेंट कंपनियों द्वारा भी इसकी कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। मकान के जरुरी सामानों का दाम लगातार बढ़ रहा है, वहीँ गर्मी में नदियाँ सूख जाती है तो रेट निकालना आसान होता है, वहीँ बारिश में मुश्किल होता है, बारिश आने के बाद रेत के दाम में फिर से बढ़ोत्तरी होगी।
इधर व्यापारियों का कहना है कि कंपनियों ने अपने डीलरों से दाम बढ़ाने के लिए कह दिया है और सोमवार से सीमेंट की कीमतों में भी 30 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोत्तरी की संभावना है। अभी सीमेंट की कीमतें रिटेल में 280 से 300 रुपये प्रति बोरी रही है।
आयरन ओर महंगा होने से सरिया भी होगा महंगा :
आयरन ओर की कीमतों में बढ़ोत्तरी का असर सरिया की कीमतों में भी पड़ा है। फुटकर में 55 हजार रुपये प्रति टन बिक रहा सरिया इन दिनों 56 हजार रुपये बिक रहा है। व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इसकी कीमत बढ़ने की संभावना है। छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि आयरन ओर समेत उद्योगों को बाहर से महंगा कोयला भी मंगाना पड़ रहा है। इसका असर भी कीमतों में पड़ा है। इसके बाद भी कीमतें स्थिर रहेंगी अथवा बढ़ेंगी कह पाना मुश्किल है।
बाजार का समर्थन नहीं :
व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि भले ही सीमेंट कंपनियों द्वारा इसकी कीमतों में बढ़ोत्तरी की तैयारी है और उन्होंने डीलरों को संकेत भी दे दिए हैं, लेकिन फिर भी बाजार कीमतों में बढ़ोत्तरी को सपोर्ट नहीं कर रहा है। अभी भी सीमेंट की मांग काफी कम बनी हुई है। बताया जा रहा है कि कंपनियों द्वारा दो महीने पहले ही दाम बढ़ाने की तैयारी थी, लेकिन चुनाव के चलते नहीं बढ़ाया गया। अब इस पर आगे क्या होगा कह पाना मुश्किल है, वहीँ दाम बढ़ना भी लगभग तय माना जा रहा है।