रायपुर : होली के समय टिकरापारा के सुकून होटल और अभनपुर से भी सट्टा खिलाते हुये सटोरिये पुलिस पकड़ में आये थे, जिन्हें पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया था। केंद्र सरकार द्वारा महादेव एप से जुड़े कई ऑनलाईन सट्टा एप और वेबसाईट पर बैन लगाया है, फिर भी इस पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है। वहीँ अब फिर से आइपीएल क्रिकेट मैच शुरू होते ही सटोरिए और खाईवाल सक्रिय हो गए हैं। पुलिस की रडार में आने से बचने ये लोग कार में घूम-घूमकर मैच के दौरान ऑनलाईन सट्टा खेला रहे हैं। उरला पुलिस ने ऐसी ही चार सटोरिये अजय देवांगन, दीपक खंडपुर , खिलेश्वर देवांगन और इंद्रानगर, राकेश सिंह राजपूत को रविवार रात घेराबंदी कर दबोचा। इनसे 60 हजार रुपये, लैपटाप, मोबाइल, कार, लाखों की सट्टा पट्टी का हिसाब-किताब जब्त किया गया है। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सटोरिये आसानी से जेल से छूट जाते है और फिर से इन कामों को अंजाम देने में लग जाते है।
जानकारी के अनुसार एएसपी क्राइम संदीप मित्तल, डीएसपी संजय सिंह ने बताया कि रविवार को मुखबिर की सूचना पर एंटी क्राइम एंड साईबर यूनिट और उरला थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने बीरगांव स्थित नगर निगम के पास सेटअप तैयार कर कार में घूमते हुए आइपीएल क्रिकेट मैच पर आनलाइन लाखों का दांव लगा रहे आदर्शनगर, बिरगांव के अजय देवांगन (31), जागृतिनगर, उरकुरा के दीपक खंडपुर (38), बुधवारी बाजार, बिरगांव के खिलेश्वर देवांगन (35) और इंद्रानगर, बीरगांव वार्ड नंबर 26 के राकेश सिंह राजपूत (37) को पकड़ा गया है। पूछताछ में सटोरियों ने बताया कि कार में घूमते हुए ऑनलाईन सट्टा का काम कर रहे थे, ताकि पुलिस उनका लोकेशन ट्रेस कर न सके। फिर भी ये पुलिस के हत्थे चढ़ गये।
शुभ-लाभ 0543 एप पर सट्टेबाजी का खेल :
गिरफ्तार सटोरियों के पास मिले लैपटाप, सात मोबाईल की जांच करने पर पता चला कि ये शुभ-लाभ 0543 नामक एप के जरिए आइपीएल क्रिकेट मैच पर लाखों का सट्टे का दांव रोज लगाते आ रहे थे। केंद्र सरकार ने नवंबर 2023 में देश में महादेव, अन्ना रेड्डी समेत सट्टेबाजी से जुड़े कई एप को भले ही प्रतिबंधित करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन शातिर सटोरिये एप का नाम बदल-बदलकर सट्टेबाजी का खेल संचालित कर रहे हैं। लगभग सभी ऑनलाईन एप और वेबसाईट का कनेक्शन महादेव से जुड़ा हुआ ही सामने आ रहा है, जिससे सटोरिये लगातार पुलिस के राडार पर बने हुये है।
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साईबर विशेषज्ञों का दावा है कि ऑनलाईन सट्टा एप को बंद करना काफी मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि यह प्ले स्टोर में नहीं है। खेलने वालों को सीधे आईडी दी जाती है, जबकि दूसरी तरफ इन्टरनेट का कोई वास्तविक मालिक नहीं होता है। जबकि ग्राहक सीधे रिचार्ज कर आसानी से पैसे जमा कर मैच खेलते हैं। एप के सरगना के पकड़े जाने के बाद भी इसे बंद करना मुश्किल है। पुलिस को शंका है कि पकड़े गए सटोरिये के लिंक महादेव एप से जुड़े हो सकते हैं। मामले में आरोपियों पर जुआ एक्ट और छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 का अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस हर सटोरियों पर लगातार नजर रख रही है।



