चालिहा महोत्सव के 22 वां दिन : धूनी साहब का आयोजन पूज्य सिंधी सेंट्रल महिला विंग बिलासपुर एवं महिला विंग चकरभाटा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

विजय दुसेजा/बिलासपुर : श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में चालिहा महोत्सव के 22 वे दिन पर आज की धूनी साहब का आयोजन पूज्य सिंधी सेंट्रल महिला विंग बिलासपुर एवं महिला विंग चकरभाटा के संयुक्त तत्वधान में किया गया था कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री झूलेलाल एवं बाबा गुरमुख दास जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर की गई. कार्यक्रम में भारतीय सिंधु सभा महिला विंग की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती विनीता भावनानी ने आए हुए साध संगत को मोटिवेशन करते हुए कहा कि बच्चों को अमीर बनना मत सिखाइए खुश रहना सिखाइए ताकि वह वस्तु का महत्व सीखे कीमत नहीं, भोजन को दवा के सामान खाए अन्यथा दवाएं भोजन के रूप में लेनी पड़ेगी। तेज दौड़ना है तो अकेले चलना होगा साथ में रहना है तो मध्यम गति से चलना होगा। जन्म और मृत्यु के समय प्यार मिलता है बीच का जीवन केवल दौड़ है। यदि आप चंद्रमा को देखते हैं तो भगवान की सुंदरता को देखते हैं यदि आप नारी को देखते हैं तो भगवान की शक्ति को देख रहे हैं, और यदि आप आईने को देखते हैं तो भगवान की सबसे सुंदर रचना को देखते हैं आपके जैसा कोई और रचना नहीं है। सरल भाषा में अपने जीवन के अर्थ को समझाया और एक ज्ञानवर्धक छोटी सी कथा सुनाई।

एक नगर में रामू का परिवार रहता था रामू की पत्नी संस्कारी थी वह भगवान को बहुत मानने वाली थी बहुत विश्वास करने वाली थी सुबह-शाम नगर के एक भगवान झूलेलाल जी का मंदिर में जाती थी रोज दीपक जलाती थी माथा टेकती थी और संत जी का सत्संग सुनती थी। प्रतिदिन अपने पति को कहती थी आप भी एक बार चलिए सत्संग सुनिए उसका पति हर बार अनसुना कर देता था कुछ माह बीत जाने के बाद एक दिन पता नहीं क्या हुआ वह उसके साथ चलने को तैयार हुआ जैसे ही वह मंदिर के अंदर प्रवेश करता है वैसे ही भक्तजन देखते हैं कि कोई नया व्यक्ति आया है आज सत्संग में आदर सम्मान के साथ कहते हैं आइए बैठिए रामू आकर बैठ जाता है और संत जी का सत्संग सुनते सुनते उसे नींद आ जाती है सभी लोग सत्संग समापन के बाद अपने अपने घर चले जाते हैं पर रामू अकेला सोया रहता है सेवादारी आते हैं और रामू को जगाते हैं और कहते हैं उठिए और जाइए रामू उठता है और अपने घर चले जाता है रामू की पत्नी पूछती है आज सत्संग में आपने क्या सुना अब रामू तो सो गया था उससे कुछ याद नहीं था बस तीन बातें याद थी आइए बैठिए और जाइए तो वही तीन बातें अपनी पत्नी को बताता है रात को नींद आती नहीं है सत्संग में तो पूरा सोया सो लिया जागते रहता है और आंखें बंद करके यह बातें बोलते रहता है तभी एक चोर दूसरे घर से चोरी करके रामू घर में आता है चोरी करने के लिए रामू की बात सुनता है रामू कहता है आइए चोर सोचता है कि रामू ने मुझे देख लिया है तो वह आकर जो सामान दूसरे घर से चोरी करके लाता है हीरे जवाहरात सारे रामू के पास रख देता है और फिर रामू की बात सुनता है बैठिए तो चोर बैठ जाता है ओर जाइए तो चोर वहां से भाग जाता है सुबह होती है पत्नी क्या देखती है और पूछती है ये हीरे जवाहरात कहां से आए तो रामू बताता है रात को कोई आया था और जो मैंने सत्संग में सुना वही चोर को कहा तो वह सारा सामान रख कर चला गया यह, सोच कर रामू की पत्नी शांति कहती है, कि जब आप एक बार सत्संग में गए हैं और आपने संतों की वाणी को ग्रहण नहीं किया बल्कि जो सेवादार ने जो आपसे कहा अपने वह बातें सुनकर अमल की तो अपको यह फल मिला है।

सोचिए जब आप संतों की वाणी सुनकर उस पर अमल करेंगे तो आपके जीवन का कितना बड़ा उद्धार हो जाएगा.इस कहानी का यह तात्पर्य है कि अपने जीवन में हम सत्संग में जाते हैं सत्संग में बैठते हैं पर उठ कर चले जाते हैं उठकर जाना है पर संतों की वाणी को अपने जीवन में अमल करके जाना है। रवि रूपवानी व अनिल पंजवानी के द्वारा कई भक्ति भरे भजन गाए जीसे सुनकर उपस्थित भक्तजन झूम उठे इस अवसर पर सिंधी महिला मंडल चकरभाटा के द्वारा समाज को जागृत करने के लिए लव जिहाद के ऊपर एक जीवित लघु नाटिका का मंचन किया गया यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है जो विगत दिनों पूर्व पूरे देश को हिला दिया था श्रद्धा और अफताब की कहानी किस तरह लव जिहाद में फस कर श्रद्धा अपनी जान गवा देती है उसके 35 टुकड़े कर दिए जाते हैं इस कहानी को बड़े ही सुंदर तरीके से समझाते हुए नाटक के माध्यम से महिला मंडल के द्वारा मंचन किया गया ऐसा लग रहा था कि हकीकत में यह घटना हमारे आंखों के सामने घट रही है कई भक्तों के आंखों से आंसू बहने लगे और लोगों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया इस तरह आज हमारे घर के बच्चे प्यार मोहब्बत के झूठे चक्कर में फंस कर अपनी जान गवा रहे हैं।

इस नाटक के माध्यम से श्रद्धा की कहानी को वर्णन किया गया कि किस तरह श्रद्धा सोशल मीडिया के माध्यम से आफताब से जुड़ती है फिर कैसे वह मिलते हैं एक होटल में कैसे उनका प्यार बढ़ता है और किस तरह श्रद्धा अपने माता-पिता के समझाने और विरोध के बाद भी अफताब से प्यार के चक्कर में फस कर अपने शहर को छोड़कर दिल्ली पहुंच जाती है और किस तरह अफताब श्रद्धा के साथ साथ अन्य लड़कियों को भी अपने प्यार के जाल में फसाता है और श्रद्धा के साथ कैसे टॉर्चर करता है अंत में उसके 35 टुकड़े कर देता है.इस दर्दनाक दुख भरी कहानी का सुंदर तरीके से नाटक के माध्यम से बताया गया .उपस्थित सभी लोगों ने महिला मंडल के द्वारा किए गए नाटक के लिए उनकी सराहना कि उन्हें शुभकामनाएं दी उन्होंने हमें जागृत किया l पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष प्रकाश जेसवानी ने भी साध संगत को मोबाइल के फायदे ओर नुकसान के बारे में बताया कि आज हर परिवार के सदस्य की जरूरत बन गई है पर आज मोबाइल का उपयोग ज्यादा हो रहा है यूवा गलत रहा में जाकर इस्तेमाल कर रहे हैं। घर की लड़कियां प्यार मोहब्बत चक्कर में फस रही हैं उन्होंने समझाया कि आप बच्चों को मोबाईल दीजिए और साथ-साथ में बच्चों का ध्यान भी रखिए उन पर नजर भी रखिए वैज्ञानिक कोई भी चीज का आविष्कार करते हैं तो हमारे लिए करते हैं लेकिन कुछ लोग इसका दुरुपयोग करना शुरू कर देते हैं और जब इसका दुरुपयोग होता है तब इसका अंत बहुत भयानक होता है कार्यक्रम के आखिर में महिला विग के द्वारा साईं जी का तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया फूलों की माला पहनाकर शाल श्रीफल से सम्मान किया गया, इस अवसर पर बिलासपुर पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत महिला विंग की अध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी मेंहानि उपाध्यक्ष कंचन मलघानी, सोनी बहरानी ,नीलू गिड़वानी ,भारती सचदेव ,अनु आहूजा, पिंकी आहूजा, अनीता लालचंदानी ,रेखा लालचंदानी कंचन जेसवानी, छाया भक्तानी, चंदा ठाकुर ,गुंजन दुसेजा,पिकिं आहुजा दिपा टहलियानी ,सिंधी महिला मंडल चकरभाटा की अंजलि रोचवानी,प्राची सजनानी ,मीनाक्षी जेसवानी,रेखा बुलानी, चंदा मत्तानी , संगीता वासवानी सहित कई महिलाएं सम्मिलित हुई आई हुई सभी महिला सदस्यों को शाल ओढ़ाकर सम्मान किया कार्यक्रम के अंत में आरती की गई अरदास की गई विश्वकल्याण के पल्लव पाया गया प्रसाद वितरण किया गया। आज के इस आयोजन का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में भक्तों ने घर बैठे आज के इस कार्यक्रम का आनंद लिया कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन बिलासपुर चकरभाटा बिल्हा भाटापारा तिल्दा रायपुर से आए थे। आज के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा, श्री प्रहलाद गिड़वानी एवम पूज्य सिंधी पंचायत कशयप कॉलोनी के अध्यक्ष जगदीश जज्ञासी, गोविंद दुसेजा जी भी उपस्थित थे।