कांग्रेस के मंतूराम पवार, भूपेश बघेल और किरणमयी पर करेंगे मानहानि का दावा, सामने आई ये जानकारी….।

रायपुर : वर्ष 2014 में अंतागढ़ विधानसभा उप चुनाव में ऐन समय पर कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने नाम वापस ले लिया था। इसके कारण भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी उपचुनाव आसानी से जीत गया था। चुनाव के एक वर्ष बाद एक ऑडियो टेप वारयल हुआ। अब इस मामले को लेक अंतागढ़ टेपकांड में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में मंजूर होने के बाद एसआईटी का केस खत्म हो गया है। अब इसके साथ ही सियासत भी गरमा रही है, जिसको लेकर अब मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में सामने आया था कि अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार ने नामांकन वापस ले लिया था, उसके बाद उन पर केस दर्ज कराया गया था। क्लोजर रिपोर्ट आने के बाद मंतूराम पवार ने कहा कि वे अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और किरणमयी नायक सहित अन्य नेताओं पर मानहानि का दावा करेंगे। उन्होंने कहा, मुझ पर करोड़ों रुपए लेकर चुनाव मैदान से हटने का आरोप लगाया गया था, जो कि गा;गलत था। आरोप के कारण सामाजिक स्तर पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा, मामले में भाजपा शीर्ष नेतृत्व से भी बात करूंगा, भाजपा ने इसे मुद्दा भी बनाया था।

श्री पवार ने कहा कि, अंतागढ़ उपचुनाव में मैंने कांग्रेस से टिकट की मांग नहीं की थी, फिर भी मुझे जबरदस्ती टिकट दिया गया था। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और राजेश तिवारी को भी मैंने मना किया था। कांग्रेस में गुटबाजी के कारण 3 चुनाव हार चुका हूं। मुझे जबरदस्ती टिकट दिया गया था। मैंने उन सभी लोगों को बताकर नामांकन वापस लिया था। उन्होंने क्लीन चिट मिलने पर कहा कि इसने पिछले 10 साल से मुझ पर लगे आरोप को गलत साबित किया है। अब यह राजनीति की दिशा तय करेगी। राजनीतिक क्षति को पूरा करने का प्रयास अब आगे करूंगा। उन्होंने कहा, आरापे लगाने वालों को इससे करारा जवाब मिल गया है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले अब साबित करें। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार आने पर मामले में किरणमयी नायक ने पंडरी थाने में मेरे खिलाफ एफआईआर कराई थी। जिससे मुझे मानसिक पीड़ा भी हुई थी।

कांग्रेस सत्ता में आई तो एसआईटी गठित की गई :

 2019 में जब कांग्रेस सत्ता में आती है, तब कांग्रेस की किरणमयी नायक द्वारा मंतूराम के खिलाफ चुनाव में पैसे लेकर नाम वापस लेने का आरोप लगाते हुए रायपुर के पंडरी थाना में मंतूराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाता है। इसके बाद इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश भी दिए गए थे। लगभग 5 साल की जांच के बाद अब मंतूराम को न्यायालय द्वारा अंतागढ़ टेपकांड मामले में क्लीनचिट दी गई है। अब इस निर्णय के बाद मंतुराम दोषमुक्त हो गये है, इससे उनकी छवि धूमिल हुई है।

गीदड़ भभकी से डरने वाले नहीं : किरणमयी

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महिला आयोग की अध्यक्ष और कांग्रेस नेता किरणमयी नायक ने मामले में कहा कि अभी तक वे इस प्रकरण में क्या कर रहे थे। अब जब हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिली है, तो वे गीदड़ भभकी दे रहे हैं, हम उनसे डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद उन्हें प्रकरण में क्लीन चिट मिली है। उन्होंने कहा, ऐसे में कोर्ट से बरी होने वाला हर अभियुक्त पुलिस के खिलाफ मानहानि का दावा करेगा। इस घटनाक्रम को लेकर गाहे बगाहे निर्णय को लेकर किरणमयी का ईशारा मंतुरम को भाजपा का सपोर्ट मिलने से है।

पुलिस बोली, न साक्ष्य और न गवाह, इसलिए क्लोजर रिपोर्ट :

राज्य की राजनीति में भूचाल ला देने वाले अंतागढ़ टेप मामले में पुलिस ने कोर्ट में मई में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी गई है। क्लोजर रिपोर्ट पेश करने की जो वजह निकलकर सामने आई है, उसके अनुसार आरोपी बनाए गए लोगों का वॉइस सैंपल मेल नहीं खाना बताया गया है। इसके अलावा टेपकांड मामले में फोरेंसिक साक्ष्य नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने तीन माह पूर्व मई में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने के पूर्व में अप्रैल में ही क्लोजर रिपोर्ट का खाका तैयार कर लिया था। अंतागढ़ विधानसभा उप चुनाव में ऐन समय पर कांग्रेस प्रत्याशी ने मंतूराम पवार ने नाम वापस ले लिया था। इसके कारण भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी उपचुनाव आसानी से जीत गया था। चुनाव के एक वर्ष बाद एक ऑडियो टेप वारयल हुआ। वायरल ऑडियो टेप में प्रत्याशी के नाम वापसी के पीछे खरीद फरोख्त होना बताया गया। तब इस मामले में कांग्रेस ने एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था।

सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने रिपोर्ट दर्ज कराई :

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वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में अंतागढ़ टेपकांड को कांग्रेस ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। सत्ता में आने के बाद किरणमयी नायक की शिकायत पर पंडरी पुलिस ने तीन फरवरी 2019 को मंतूराम पवार, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत, डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की गई। तत्कालीन राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस ने एसआईटी का गठन भी किया था। जिसको लेकर जांच की गई थी अब इस मामले में मंतूराम को क्लीनचिट मिल गई है।