विजिलेंस टीम का छापा, टीटीई पर गिरी गाज, सामने आया ये मामला….।

रायपुर : त्यौहार पर लगातार ट्रेन रद्द होने के बाद जोन की ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ काफी बढ़ चुकी है। यात्रियों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा है। ऐसे में अगर यात्री को वेटिंग टिकट के साथ सफर करना है, तो टीटीई को पैसे देकर खुश करना पड़ेगा, तभी बैठने के लिए आरामदायक सीट भी मिलेगी, लगातार यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसी ही शिकायत रेलवे विजिलेंस टीम को छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, गीतांजलि एक्सप्रेस व आजाद हिंद एक्सप्रेस की मिली थी। इसीलिए टीम ने कोलकाता से लेकर रायपुर तक जांच की। 

इस दौरान रविवार को छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में दो टीटीई अतिरिक्त पैसों के साथ पकड़े गए। उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामले में सामने आय है कि, कोलकाता मार्ग पर तो कुछ टीटीई तो ड्यूटी के दौरान यात्रियों को सीट दिलाने के नाम पर मोटी रकम भी वसूलते हुए पकड़े गए है। अक्सर ट्रेनों में भीड़ बढ़ने से टीटीई की अवैध कमाई भी बढ़ जाती है। विजिलेंस की टीम ने जोन में चलने वाली जिन ट्रेनों में जांच की, वह सभी लंबी दूरी की ट्रेनें हैं। इन दिनों इसमें यात्रियों की भीड़ सबसे अधिक है। टीटीई के खिलाफ कार्यवाही की सूचना आग की तरह फैल गई। इससे अन्य टीटीई सतर्क हो गए। यही कारण है कि जब टीम ने दोबारा छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की जांच की, तो कुछ नहीं मिला, इस मामले से टीटीई में हड़कम्प मच गया। गौरतलब है, जोन में टीटीई की अवैध वसूली की शिकायत को रेलवे बोर्ड ने गंभीरता से लिया है। इसके लिए चार सदस्यीय एक विशेष टीम बनाई गई, जो सीधे पहले कोलकाता पहुंची थी। जिसके बाद इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया है।

तीन ट्रेनों में जांच :

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उक्त मामले में मिली जानकारी के अनुसार टीम ने पहले गीतांजलि एक्सप्रेस व आजाद हिंद एक्सप्रेस में दबिश दी और कुछ टीटीई को रंगे हाथों पकड़ा। यहां कार्यवाही करने के बाद टीम शुक्रवार सुबह जोन बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां उन्होंने डोरमेट्री की बुकिंग कराई। उन्होंने दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा। यही कारण है कि यहां उनके पहुंचने की भनक किसी को नहीं थी। टीम ने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में छापामार कार्यवाही की। यहाँ जांच के दौरान टीटीई से अतिरिक्त रकम मिली। जिसके बाद टीटीई पर कार्यवाही की गई।

आम यात्री की तरह ट्रेन में पहुंचे :

दोपहर को डोरमेट्री से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में आम यात्री की तरह पहुंचे। बिलासपुर से ट्रेन छूटने के कुछ देर बाद प्रत्येक कोच में जाकर नजर रखने लगे। जब उन्हें टीटीई द्वारा वसूली करने की पुष्टि हो गई, तब उन्होंने परिचय दिया और जांच की। जांच में उन्हें टीटीई के पास से 1500 रुपये अतिरिक्त मिले। अतिरिक्त राशि की पुष्टि इसलिए हुई, क्योंकि ड्यूटी पर जाने से पहले प्रत्येक ड्यूटी पर जाने से पहले प्रत्येक टीटीई को अपने पास रखी रकम का हिसाब देना होता है। इसकी जानकारी भी अंकित रहती है। इसके बाद एक दूसरे टीटीई के पास पहुंचे और जब उसकी जांच की, तो चार हजार रुपये अतिरिक्त मिले। इस पर दोनों के खिलाफ प्रकरण भी बनाया गया। इस ट्रेन से टीम गोंदिया तक जांच करती गई और वापसी में गोंदिया स्टेशन से रायपुर होते हुए अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस में जांच करती आई। ऐसे ही टीटीई गिरफ्त में आये।

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दपूमरे सीपीआरओ डॉ. सुरकर विपुल विलासरा ने बताया कि, रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम ने टीटीई पर कार्यवाही की है। टीम रिपोर्ट बनाकर देगी। जोन में टीटीई को रेलवे नियमों के साथ कार्य करने का निर्देश पहले से ही दिया हुआ है।