इस साल 9 जनवरी 22 को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि सिख गुरु के चार साहिबजादे खालसा की शहादत को चिह्नित करने के लिए 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
वीर बाल दिवस: इतिहास :
मुगल शासनकाल के दौरान पंजाब में सिखों के नेता गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटे थे। उन्हें चार साहिबजादे खालसा कहा जाता था। 1699 में गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की। धार्मिक उत्पीड़न से सिख समुदाय के लोगों की रक्षा करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी। तीन पत्नियों से गुरु गोबिंद सिंह चार बेटे: अजीत, जुझार, जोरावर और फतेह, सभी खालसा का हिस्सा थे। उन चारों को 19 वर्ष की आयु से पहले मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था।
उनकी शहादत का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में 9 जनवरी को घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यह दिन चार साहिबजादों, विशेष रूप से उनके पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह के साहस के लिए एक श्रद्धांजलि होगी, जिन्हें तत्कालीन शासक औरंगजेब के आदेश पर मुगलों द्वारा कथित तौर पर मार दिया गया था।
वीर बाल दिवस पर विधायक जुनेजा ने किये जरुरतमंदों को कम्बल वितरित :
रायपुर उत्तर विधानसभा के विधायक माननीय कुलदीप सिंह जुनेजा आम लोगों के सेवार्थ जाने जाते है, आज 26 दिसंबर को भी वीर बाल दिवस पर विधायक माननीय श्री कुलदीप सिंह जुनेजा जी एवम दुर्ग विधायक अरुण वोहरा जी एवं छत्तीसगढ़ सिक्ख संगठन द्वारा माता गुर्जर कौर जी एवम चार साहिब जादे जी को समर्पित जरूरत मंद लोगों को कंबल वितरण किया गया, कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष दलजीत सिंह चावला, संस्थापक हरपाल सिंह भामरा, लवली अरोरा, रणजीत अरोरा, गुरभेज सिंह, गुरचरण सिंह, मोनू सलूजा आदि उपस्थित थे। किसी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होती है की आप उसके विशेष अवसर पर जरूरत मंद लोगो की मदद कर सकें।