मुजफ्फरपुर (बिहार) : यूपी और बिहार गुंडागर्दी और पिछड़ेपन को लेकर देश में सबसे ज्यादा ख़राब नामों वाले राज्य थे, अब जब दोनों में काफी बदलाव आ चूका है, तो लापरवाही जैसी बात हजम नहीं होती, वहीँ यूपी बिहार की अपेक्षा लगातार चौगुनी गति से उन्नति के रास्ते पर है तो बिहार काफी धीमी गति से चल रहा है, यहाँ आज भी गाहे-बगाहे बड़ी लापरवाहियां सामने आ रही है। घटना में बिहार के मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहाँ गलत अल्ट्रा साउंड रिपोर्ट पर डॉक्टर ने एक बच्ची के पेट का ऑपरेशन कर दिया जबकि मरीज के पेट में कोई बीमार ही नहीं थी। पेट चीरने के बाद डॉक्टर ने मरीज के परिजनों से सॉरी (माफी) बोला और अपना पल्ला झाड़ लिया। परिजनों ने मामले की शिकायत सिविल सर्जन से की। मामला तूल पकड़ने पर जिले के डीएम और डीडीसी सदर अस्पताल पहुंचे और मामले की सारी जानकारी ली।
गलत रिपोर्ट पर कर दिया अपेंडिक्स का ऑपरेशन :
घटना में मिली जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल में पेट दर्द का इलाज कराने पहुंची एक बच्ची की अपेंडिक्स का ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद पता चला कि अपेंडिक्स है ही नहीं। जब ऑपरेशन में बिलंब हुआ तो परिजन ने कारण पूछा तो सर्जन डॉ. अब्दुल कादिर ने बताया कि अपेंडिक्स के लिए पेट का ऑपरेशन किया गया लेकिन मरीज के पेट में अपेंडिक्स की कोई समस्या नहीं मिली है, वहीँ इसके बाद परिजनों ने बवाल मचाया।
जब परिजनों ने डॉक्टर से पूछा कि अपेंडिक्स नही था तो पेट क्यों चीर दिया? इस पर डॉक्टर ने कहा कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर ऑपरेशन किया गया है। डेढ़ घंटे तक बच्ची ऑपरेशन थियेटर में रही और छटपटाई। इसके बाद उसे सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। परिजन आक्रोशित हो गये तो पेट की सिलाई कर सर्जरी वार्ड में भेज दिया गया। इसके बाद डॉक्टर बच्ची को देखने तक नहीं पहुंचे, इधर बच्ची और परिजन काफी परेशान रहे और काफी बवाल मचाया।
अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में अपेंडिक्स होने की कही गई थी बात :
मामला जो सामने आया है उसके अनुसार कांटी मानपुरा की रहने वाली प्राची कुमारी के पेट में दर्द होने पर उसके परिजन उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने अपेंडिक्स की बात कही और अल्ट्रासाउंड कराने का सुझाव दिया। मां सुमित्रा ने बताया कि वह पहली बार 28 अक्तूबर को बेटी को लेकर अस्पताल पहुंची थी। सदर अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड कराया। ऑपरेशन से पहले ब्लड और अन्य जांच भी हुए। मंगलवार दोपहर उसका अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ। पेट चीरने के बाद डॉक्टर ने कहा कि सॉरी अपेंडिक्स नहीं मिला।
ऑपरेशन करने डॉक्टर ने आरोपों पर दी ये सफाई :
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ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉ अब्दुल कादिर ने कहा कि पेट दर्द की शिकायत लेकर बच्ची अस्पताल आई थी। जांच व अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स की बात सामने आई। जांच के आधार पर ऑपरेशन किया गया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। वहीं मामला बढ़ता देख डीएम सुब्रत कुमार सेन, डीडीसी श्रेष्ठ अनुपम सदर अस्पताल पहुंचे और बच्ची और उसके परिजनों से भी मुलाकात की। इससे परिजनों को कोई संतुष्टि नहीं मिली और मामले ने बड़ा तुल पकड़ लिया।
डीएम ने दिए जांच के आदेश :
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि पता चला है कि अल्ट्रासाउंड में अपेंडिक्स की बात सामने आई है। सर्जरी को क्रम में नही पाया गया है। रिपोर्ट के आधार पर बच्ची को पेट का ऑपरेशन कर दिया गया है। सिविल सर्जन को तीन डॉक्टर की टीम बनाकर जांच का आदेश दिया है। 24 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। डॉक्टर के एक्सपर्ट की टीम की रिपोर्ट आने के बाद आगे कुछ बता पाएंगे। सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि अपेंडिक्स ऑपरेशन में गड़बड़ी की शिकायत आयी है। किस स्तर पर लापरवाही की गई है इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीँ इस घटना से परिजन स्तब्ध है, अब इस बड़ी लापरवाही का खामियाजा बच्ची को भुगतना पड़ेगा।