इतिहास में पहली बार तकरीर के लिये मांगनी पड़ी इजाजत, छ.ग. वक्फ बोर्ड के नियम पर 152 मस्जिदों ने लगाईं अर्जी।

रायपुर : डॉ. सलीम राज छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के नये चेयरमैन बनाये गये है, जिसके बाद से उन्होंने तकरीर के लिये इजाजत लेने का नियम बनाया है। छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में धार्मिक तकरीरों को छोड़कर अन्य विषयों पर बोलने की अब अनुमति लेनी होगी। कहा गया है कि राष्ट्र विरोधी तथा सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली तकरीरों को प्रतिबंधित करने के संदर्भ में छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्थित समस्त मस्जिदों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड की ओर से आदेश जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की समस्त मस्जिदें राज्य वक्फ बोर्ड के अधीन हैं, जिसके कारण उन पर यह नियम लागू होता है। 

प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहाई बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ की मस्जिदों के मुतवल्लियों को मस्जिद में धार्मिक तकरीर यानी प्रवचन के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के राजनीतिक, सामाजिक समरसता तथा आपसी सौहार्द को बिगाड़ने वाले, शासन विरोधी तकरीर पर रोक लगाए जाने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं। धार्मिक तकरीर के अतिरिक्त मुतवल्ली को यदि कोई अन्य विषय पर जमात के समक्ष कोई तकरीर देनी है तो उसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के व्हॉट्सअप ग्रुप में पहले अनुमति प्राप्त करनी होगी, उके बाद ही वो तकरीर दे सकते है।

152 आवेदन आए :

वक्फ बोर्ड के इस आदेश के बाद काफी विरोध भी हुआ, लेकिन वक्फ बोर्ड ने अपने निर्देश को यथावत रखा। ऐसे में इस बार जुमे की नमाज में होने वाली तकरीर के लिए प्रदेश भर की 152 मजिस्दों ने वक्फ बोर्ड को यह जानकारी देकर मंजूरी मांगी थी की उनकी तकरीर में सिर्फ और सिर्फ धार्मिक बातें ही होंगी। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने बताया, कि शुक्रवार को दोपहर 12.48 बजे तक आए आवेदनों को मंजूरी दी गई है, जिसके अनुसार वे सभी तकरीर कर सकते है।

अचानक निरीक्षण भी होगा :

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डॉ. सलीम राज ने बताया, मस्जिदों को राजनीति का अखाड़ा बनने से बचाने के लिए ही नियम तय किया गया है। अब आने वाले समय में टीमों का गठन भी किया जा रहा है। ये टीमें मस्जिदों का अचानक निरीक्षण करेंगी और देखेंगी कि कहां किसी मस्जिद में धार्मिक तकरीर के स्थान पर किसी तरह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली तकरीरें तो नहीं हो रही हैं। ऐसा होने पर नियमानुसार उन पर कार्यवाही भी करेंगे। नियम विरूद्ध पाए जाने पर कार्यवाही की जा सकेगी।

छत्तीसगढ़ ऐसा नियम लागू करने वाला पहला राज्य, केंद्रीय मंत्री गिरिराज बोले – देशभर में लागू होना चाहिए

देश के इतिहास में पहली बार मस्जिदों को जुमे की नमाज के पहले दी जाने वाली तकरीर के संदर्भ में छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ी। मस्जिदों की ओर से बोर्ड को भेजे गए आवेदन में बताया कि तकरीर में सिर्फ और सिर्फ धार्मिक बातें ही होंगी। बोर्ड ने प्रदेशभर से आए 152 मस्जिदों के आवेदनों को मंजूरी दे दी। प्रदेश में वैसे तो छोटी-बड़ी मिलाकर चार हजार मस्जिद हैं, लेकिन जहां पर तकरीर होगी, उन्हीं को तकरीर के लिए वक्फ बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। छत्तीसगढ़ में लागू किए गए इस नियम की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है, ऐसा नियम और निर्देश पूरे देश में लागू होना चाहिए।

मुख्यमंत्री साय बोले – इबादत के स्थान पर न हो राजनीति :

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देश के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव तथा देश के सूफी इस्लामिक बोर्ड ने छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के निर्देश का स्वागत किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, यह निर्देश पूरे भारत में लागू होना चाहिए। छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री साय ने कहा, मस्जिद, मंदिर, गिरजाघर और गुरुद्वारा इबादत का स्थान है। यहां पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। वहीँ इस मामले में शुरुआती बवाल के बाद सभी ने यह नियम मानना शुरू कर दिया है।