भविष्यवाणी : अलग – अलग किताबों और धर्म ग्रंथो को लेकर विभिन्न भविष्यवाणियां की गई है, जिसमें ओड़िशा संत अच्युतानंददास की भविश्य मालिका, बाबा वेंगा, फ़्रांसिसी दार्शनिक नास्त्रेदमस ने दुनियां में होने वाली घटनाओं को लेकर सालों पहले अपनी किताबें लिखी है, जिसमें दुनियां में आने वाले समय में होने वाली घटनाओं का जिक्र है। वहीँ अच्छी बुरी यादों के साथ लोग साल 2024 को विदा करने की तैयारी कर रहे हैं और नए साल के स्वागत की योजनाएं बनाएं रहे हैं। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों का सिलसिला सोशल मीडिया में शुरू हो गया है।
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों में जिक्र है कि एक लंबे समय से चल रहे युद्ध का 2025 में अंत हो सकता है। उनकी किताब में लिखा है कि युद्ध में शामिल पक्ष थक जाएंगे और उनके पास सेना को वित्तीय समर्थन देने के लिए संसाधन नहीं बचेंगे। इसे रूस-यूक्रेन युद्ध से जोड़ा जा रहा है। 2025 में फ्रांस और तुर्कीए के बीच तनाव बढ़ने का संकेत भी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों में मिलता है। यह विवाद राजनीतिक या सांस्कृतिक हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं का कारण बन सकता है। वहीँ वर्तमान में वैश्विक स्तर पर युद्ध टलने की स्थिति नहीं दिख रही है।
नास्त्रेदमस ने 2025 की शुरुआत में इंग्लैंड में किसी भयानक युद्ध या महामारी की आशंका जताई है। इसे उन्होंने “दुश्मनों से भी खतरनाक” बताया है। उनकी 2019 की भविष्यवाणी के बाद दुनिया ने कोविड-19 का सामना किया था, जो इस चेतावनी को और अधिक ध्यान देने योग्य बनाती है। उनकी यह भविष्यवाणी सच हुई है। नास्त्रेदमस ने 2025 में एक विशाल एस्टरॉइड के धरती से टकराने या बहुत करीब आने की भविष्यवाणी भी की है, हालांकि, विशेषज्ञ इसे आम घटना मानते हैं, क्योंकि हर साल कई एस्टरॉइड धरती के पास से गुजरते हैं।
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वहीँ एक तरफ नास्त्रेदमस के अनुसार, दुनिया का बागीचा कहे जाने वाले क्षेत्र में ज्वालामुखी फट सकते हैं। लोगों को सल्फर युक्त जहरीला पानी पीने पर मजबूर होना पड़ सकता है। इसे ब्राजील के लिए चेतावनी माना जा रहा है। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों में संकट सिर्फ धरती पर ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष से भी आने की संभावना जताई गई है। यह भविष्यवाणी न केवल वैज्ञानिक समुदाय बल्कि आम लोगों के बीच भी उत्सुकता पैदा करती है। ऐसी ही कई भविष्यवाणियां सामने आई है जो कि सत्यता के करीब रही है। नास्त्रेदमस की कई भविष्यवाणियां गलत भी साबित हुई हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि उनके व्यक्तिगत दुखों, जैसे कि परिवार की बीमारी और मृत्यु, ने उनकी भविष्यवाणी करने की प्रवृत्ति को प्रभावित किया है।
भले ही नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां हमेशा सच न हों, लेकिन वे लोगों में रोमांच और चर्चा का विषय जरूर बनती हैं। सोशल मीडिया पर इनसे जुड़े तथ्यों की अक्सर चर्चा होती है। नास्त्रेदमस की लिखी गई भविष्यवाणियां सांकेतिक और अस्पष्ट भाषा में होती हैं, जो इन्हें कई अर्थों में व्याख्यायित करने का मौका देती हैं। उनकी यही शैली उन्हें काफी अनोखा और रहस्यमयी बनाती है। वहीँ आपको बता दें कि वैश्विक वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी पर जितने संसाधन है वो 300 करोड़ की आबादी के लिये समर्थ है, वहीँ इससे ज्यादा आबादी के कारण प्रकृति का विनाश संभव है, वर्तमान में दुनियां की कुल आबादी 800 करोड़ से ज्यादा है, ऐसे में प्राकृतिक आपदायें भी बड़े स्तर पर आ सकती है, जिसे नकारा नहीं जा सकता, वहीँ ऐसी स्थिति में नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां भी सच लगने लगती है।
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