राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनायें सामने आ जाती है की इंसानियत को भी शर्मसार होना पड़ता है। घटना शहर के लखोली में पेट्रोल डालकर खुद को आग लगाने वाली महिला यासमीन बेगम की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। उसे भिलाई सेक्टर 9 हॉस्पिटल के बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसका इलाज चल रहा है। 8वीं में पढ़ने वाले बेटे मो. नफीस ने बताया कि उसकी मां निगम के तीन अधिकारियों से काफी प्रताड़ित/परेशान थी। उसी के चलते उसने यह कदम उठाया। नफीस ने अपनी मां के लिए न्याय की मांग की है।
महिला के बेटे ने बताया कि, उसके पिता ने उसकी मां को काफी समय पहले तलाक दे दिया है। उसकी मां फुटपाथ पर दुकान लगाकर अपना पेट पालती है। पहले मां बेटे किराये के मकान में रहते थे। इसके बाद वो लोग लखोली में अटल आवास में रहने आ गए, बिना आबंटन के रहने के चलते निगम के अधिकारी आए दिन उन्हें घर से निकालने की धमकी देते थे। उसकी मां ने गरीबी रेखा के कागज व अन्य दस्तावेज निगम में दिए, लेकिन आवास का आबंटन नहीं किया गया।
इस दौरान निगम के राजेंद्र नाम के एक अधिकारी ने उनके घर में ताला लगा दिया। नफीस ने बताया कि घटना से पहले राजेंद्र ने उनके घर का ताला खोला और अंदर से मां के सोने चांदी के जेवर चुरा लिए। जब मां ने निगम जाकर आत्महत्या की चेतावनी दी, तो उसी अधिकारी ने कहा कि आत्महत्या करना है तो कर लो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसके बाद महिला ने अपने शरीर में पेट्रोल डाला और खुद को आग लगा लिया। इस घटना से लोगों में निगम अधिकारीयों के प्रति काफी गुस्सा है।
रुपये लेकर भी नहीं किया था मकान आबंटित :
13 साल के बेटे मो. नफीस का आरोप है कि निगम के अधिकारी ललित मानक काफी पहले उनके घर आए थे। उन्होंने मेरी मां से 30 हजार रुपए की मांग की। उन्होंने कहा था कि वो उनके नाम पर मकान का आबंटन करवा देंगे। मां ने 30 हजार रुपए दिए, लेकिन उन्होंने मकान नहीं दिया। जब यासमीन ललित के पास रुपए मांगने पहुंची तो उसने उसे वहां से भगा दिया। उसने यासमीन के साथ अभद्रता भी की। इससे माँ काफी परेशान रहने लगी।
घटना के समय अधिकारी और पुलिस कर्मी देख रहे थे तमाशा
नफीस का कहना है कि गुरुवार दोपहर 2 बजे जब उसकी मां यासमीन बेगम ने पेट्रोल डालकर खुद को आग लगाई, तब वहां निगम के अधिकारी, कर्मचारी और पुलिस कर्मी भी मौजूद थे। मां को जलता हुआ देख नफीस ने लोगों से मदद की गुहार लगाई। नफीस मां की शरीर में लगी आग को बुझाने में अकेले जुटा रहा, लेकिन कोई महिला को बचाने आगे नहीं आया। सभी वहां खड़े होकर तमाशा देख रहे थे। इस दुखद घटना से एक बार इंसानियत शर्मसार हो गई।