नई दिल्ली : राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले जमानत दे दी है, जिसके बाद आशाराम के भक्तों में ख़ुशी की लहर है। कोर्ट ने आसाराम बापू को अंतरिम जमानत दी है। पिछले दिनों बीमार चल रहे आसाराम बापू को इलाज के लिए महाराष्ट्र भी ले जा गया था। बीच में सूरत की लाजपोर जेल बंद उनके बेटे को गुजरात हाईकोर्ट ने बीमारी के चलते मिलने की अनुमति दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू को अंतरिम जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू को अंतरिम जमानत स्वास्थ्य कारणों के कारण आधार पर दी है, हालांकि इस दौरान कड़ी शर्ते भी लागू रहेंगी, साथ ही बढ़ती उम्र के कारण स्वास्थ्य लगतार गिर रहा है। साथ में कोर्ट ने कहा है कि आसाराम बापू अंतरिम जमानत की अवधि में अपने भक्तों और अनुयायियों से मुलाकात नहीं कर पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू को अंतरिम जमानत 31 मार्च तक दी है। आसाराम बापू 17 दिन की पैरोल खत्म होने के बाद छह दिन पहले ही राजस्थान की जोधपुर जेल में वापस लौटे थे। कोर्ट ने साफ किया कि यह जमानत 86 साल के आसाराम की अधिक उम्र और खराब सेहत के आधार पर दी गई है। इस दौरान वह अपना इलाज करवा सकते हैं। आसाराम लगभग 11 साल जेल में काट चुके है। आसाराम ने कई बार जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, उन्होंने हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में कई याचिकाएं भी दायर कीं थी, लेकिन उन्हें एक बार भी राहत नहीं मिली थी।
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आसाराम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी मेडिकल स्थिति का हवाला देते हुए जमानत की याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस आधार पर आसाराम को 31 मार्च तक की अंतरिम जमानत दी है। हालांकि, इस दौरान आसाराम को अपनी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। देश के जानेमाने वकील राम जेठमलानी। उन्होंने जब आसाराम का केस लिया तो बापू के भक्तों को लगा कि अब वो छूट जायेंगे। लेकिन जेठमलानी जब जोधपुर कोर्ट में आसाराम की बेल की अर्जी पर जिरह कर रहे थे तो उनकी हार हुई थी। जेठमलानी ने कोर्ट में कहा कि पीड़िता नाबालिग नहीं है। सितम्बर 2013 की तारीख को, राजस्थान पुलिस ने आसाराम बापू को गिरफ़्तार कर लिया था और विमान द्वारा जोधपुर ले गयी।