सरगुजा । प्रदेश के सबसे उम्रदराज हाथी सिविल बहादुर ने मंगलवार सुबह अंतिम सांसें लीं। 72 वर्षीय हाथी ‘सिविल बहादुर’ छत्तीसगढ़ में सबसे बुजुर्ग हाथी के नाम से जाना जाता था। पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते हाथी का उपचार जारी था। लेकिन आज सुबह पुनर्वास केंद्र रामकोला में अंतिम साँस ली।
सूचना मिलते ही अंबिकापुर से वन विभाग के उच्चाधिकारी हाथी रेस्क्यू सेंटर के लिए रवाना हो गए है। वन विभाग उसके पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहा है ताकि मौत का कारण और स्पष्ट हो सके। बताया जा रहा है कि विभाग सम्मान के साथ हाथी का अंतिम संस्कार करेगा।
‘सिविल बहादुर’ को सबसे उम्रदराज हाथी माना जा रहा है जो पांच वर्षो से तमोर पिंगला अभ्यारण्य के रेस्क्यू सेंटर में रह रहा था। सिविल बहादुर पूर्व में तमोर पिंगला के हाथी कैम्प में रहता था जिसके बाद उसे अचानकमार ले जाया गया था। वर्ष 2017 में उसे फिर से तमोर पिंगला के रेस्क्यू सेंटर में लाकर रखा गया था जहां वह वन अमला और महावतों की निगरानी में था। बढ़ती उम्र के साथ उसके शरीर में कुछ दिक्कतें शुरू हो गईं थीं और दो दिन से पेशाब और शौच भी ठीक से नहीं कर पा रहा था । स्थानीय चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे और विशेषज्ञ चिकित्सकों से सलाह भी ले रहे थे।
सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
इस बीच मंगलवार को सुबह उसकी मौत हो गई जिसके बाद रेस्क्यू सेंटर परिवार सन्नाटा पसर गया और गमगीन स्थिति बन गई क्योंकि वह सबसे पुराना साथी था तथा कर्मचारी ज्यादा समय उसी के साथ व्यतीत करते थे। बरहाल विभाग उसके पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहा है ताकि मौत का कारण और स्पष्ट हो सके। बताया जा रहा है कि विभाग सम्मान के साथ ‘सिविल बहादुर’ का अंतिम संस्कार करेगा।