पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के घर से मिला 30 लाख नगद, ईडी के वाहनों में तोड़फोड़, सामने आई ये जानकारी….।

रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई निवास स्थान पर छापामार कार्यवाही की। इस दौरान भूपेश बघेल घर के अंदर मौजूद रहे। करीब 12 घंटे तक चली कार्यवाही के बाद बघेल घर से बाहर निकले। इस दौरान मौजूद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात की है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी खत्म हो चुकी है। ईडी के अधिकारी भूपेश बघेल के निवास से बाहर निकल चुके हैं। ईडी की तरफ से भूपेश बघेल के बेटे को मंगलवार के दिन पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईडी के अधिकारी जैसे ही भूपेश बघेल के घर से बाहर निकले वैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के जवानों के बीच जमकर झूमाझटकी हुई।

पुलिस के जवानों ने मुश्किल से ईडी के अधिकारियों को भूपेश बघेल के घर से रवाना किया। इस दौरान ईडी की गाड़ी पर पत्थर भी फेंका गया है। ईडी ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ में 14 जगहों पर छापेमारी की है। ईडी को छापेमारी के दौरान 30 लाख रुपये नगद, पेन ड्राइव और कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। ईडी के डिप्टी डॉयरेक्टर लेवल के अधिकारी की गाड़ी पर भी हमला हुआ है। फिलहाल ईडी इस बाबत कानूनी कार्यवाही कर रही है। वहीँ भूपेश के खिलाफ कार्यवाही को लेकर कांग्रेसियों ने आक्रोश जाहिर किया और दिनभर अपना विरोध प्रदर्शन करते रहे।

चैतन्य बघेल पर हैं आरोप :

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में शराब घोटाले से संबंधित 14 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इनमें भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और उनके करीबी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के ठिकाने भी शामिल हैं। ईडी के अनुसार शराब घोटाले में लगभग 2161 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। यह पैसा विभिन्न योजनाओं के जरिए अवैध तरीके से निकाला गया और चैतन्य बघेल उन लोगों में से एक थे, जिन्हें पैसा मिला, जिसके कारण इस घोटाले में उनका भी नाम सामने आया है, जिसको लेकर कार्यवाही की गई है।

कांग्रेस बोली – मुद्दों से भटकाने की रणनीति :

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इस कार्यवाही को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार के सामने मौजूद प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने के मकसद से भूपेश बघेल के खिलाफ ईडी की छापेमारी करवाई गई है। बघेल के कार्यालय ने उनके ‘एक्स’ हैंडल पर पोस्ट किया, ‘‘सात वर्षों से चले आ रहे झूठे मामले को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि यह छापेमारी संसद में प्रमुख मुद्दों पर जवाब से बचने के लिए सरकार द्वारा ध्यान भटकाने वाली रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘ये ध्यान भटकाने वाली रणनीति हैं। जब भी संसद सत्र चल रहा होता है, तो लोगों के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन वे इन मुद्दों से भागना चाहते हैं। इस मामले में ईडी छापे के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, मंतू राम पवार और पुनीत गुप्ता के बातचीत का पेन ड्राइव ले गए हैं। घर में उन्हें 33 लाख रूपये नगद मिला और वे इसे ले गए। ये स्त्री धन है और अलग- अलग सदस्यों की कुल रकम है।