अफगानियों से परेशान पाकिस्तान ने कहा – हमारे खिलाफ हो रहा है अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल।

पेशावर/खैबर पख्तूनख्वा (पाकिस्तान) : आतंकिस्तान अपनी हरकतों से पाने उने हुये जाल में ही फंस गया, जहाँ उसने अपने सभी पड़ोसियों से सम्बन्ध ख़राब कर लिये है तो, वहीँ दुनियां का कोई भी देश वर्तमान में उसके साथ खड़ा नजर नहीं आ रहा है, वहीं भारतीय नीतियों के कारण चीन भी उससे किनारे हो रहा है, वहीँ अब खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त के गवर्नर फैसल करीम कुंडी ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर अफगान सरकार के समक्ष कई बार चिंता जताई गई है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है। गवर्नर हाउस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने अफगान प्रशासन को बार-बार सूचित किया है कि अमेरिका की ओर से छोड़े गए हथियार अब आतंकियों के हाथों में हैं और इनका इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जा रहा है। वहीँ जगजाहिर है कि तालबानी आतंकियों के हाथ में ही अफगनिस्तान की सत्ता है, ऐसे में इनका इशारा कहीं भारत की तरफ तो नहीं है?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई वार्ता :

वहीँ गवर्नर फैसल करीम कुंडी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दोनों देशों के अधिकारियों ने आतंकवाद, व्यापार, शरणार्थियों और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों से निपटने के तरीकों पर मतभेदों के कारण तनावपूर्ण हुए संबंधों को सुधारने के लिए काबुल में वार्ता की है। कुंडी ने कहा है कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अफगानिस्तान का दौरा किया था, लेकिन उसके बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिसको लेकर अफगानिस्तान सरकार से सम्बन्ध सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

अफगान नागरिकों को भेजा जा रहा है वापस :

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इसी बीच यहां यह भी बता दें कि, पाकिस्तान में अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया लगातार जारी है और 20 मार्च तक 8 लाख से अधिक लोगों को उनके देश वापस भेजा जा चुका है, वहीँ की वैधानिक अफगानियों को भी पाकिस्तान बाहर निकाल चुका है, जिससे दोनों देशों के बीच तनातनी का माहौल बन रहा है। पाकिस्तान सरकार ने 31 मार्च की समय सीमा तय की है जिसके तहत अवैध रूप से रह रहे लोगों और अफगान नागरिक कार्ड धारकों को देश छोड़ना होगा। इसी के तहत अब तक 8,74,282 अफगानों को पाकिस्तान से वापस भेजा गया है। सरकार ने यह कदम आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं के चलते उठाया है। वहीँ पाकिस्तान के बदतर हालत किसी से छुपे नहीं है।