अगली चैत्र नवरात्रि तक बस्तर लाल आतंक से मुक्त होगा : गृहमंत्री अमित शाह।

दंतेवाड़ा/बस्तर : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दंतेवाड़ा में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद मैं लेकर मंच में आया हूं। अगली चैत्र नवरात्रि तक बस्तर से लाल आतंक खत्म हो जाएगी। मैं रामलला के ननिहाल में आया हूं। पूरा बस्तर लाल आतंक से मुक्त होने के कगार पर है, और विकास के रास्ते पर बस्तर चल पड़ा है। बस्तर पंडुम अगले साल देशभर के हर आदिवासी कलाकारों को हम दंतेवाड़ा में लायेंगे। विभिन्न देशों के राजदूतों को लायेंगे। बस्तर पंडुम इस बार 7 श्रेणियों में मनाया गया अगली बार इसे 12 श्रेणियों में मनायेंगे और देशभर के आदिवासी बाहुल्य के कलाकारों को बुलायेंगे। तेंदूपत्ता 5500 सौ रुपये खरीदी करेगी सरकार, और संग्राहको के खाते में सीधे पैसा डालेंगे। अपने उद्बोधन में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उक्त बातें कही।

नक्सलियों से अपील, एक करोड़ रुपए देने का ऐलान :

वहीँ अपने संबोधन में अमित शाह ने आगे कहा कि जमाना चला गया जब यहां पर गोलियां चलती थीं, बम धमाका होता था। मैं नक्सली भाई बहनों से कहता हूं हथियार डाल दीजिए और मेन स्ट्रीम में आइये। कोई नक्सली मारा जाता है तो हमें खुशी नही होती है। जो गांव नक्सल सरेंडर कर गांव को नक्सल मुक्त करायेगा उस गांव को 1 करोड़ रुपये ग्राम विकास के लिये सरकार देगी। उन्होंने कहा कि “मैं सभी नक्सली भाइयों से विनीत करने आया हूं, कि आप हथियार डाल दीजिए, आप सभी हमारे अपने हैं। कोई नक्सली मारा जाता है तो किसी को आनंद नहीं होता किंतु इस क्षेत्र को विकास चाहिए।”

मुख्यमंत्री ने किया स्वागत :

CM साय और डिप्टी CM ने अमित शाह को गौर मुकुट पहनाया। साथ ही ध्रुवा जनजाति के प्रसिद्ध सिहाड़ी बीज से बनी माला पहनाकर स्वागत किया गया। अमित शाह बोले कि “अगली बार जब राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर पंडुम मनाया जायेगा तब मैं और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी राष्ट्रपति महोदया से विनती करने वाले हैं कि वे स्वयं इसके उद्घाटन कार्यक्रम में आकर हमारे आदिवासी भाइयों का उत्साहवर्धन करें।” वहीँ केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि कांग्रेस ने 75 साल तक गरीबी हटाओ का नारा लगाया, जो कभी पूरा नहीं हुआ, वहीँ पीएम मोदी ने करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। करोड़ों गरीबों को फ्री राशन मिल रहा है। नक्सलियों से फिर कहा कि किसी को कोई मारना नहीं चाहता, नक्सली सरेंडर करें।