विजय थावानी/रीवा : देश के हृदय स्थल मध्य प्रदेश मे हजारों प्राचीन धार्मिक स्थल, सांस्कृतिक पुरातत्विक स्थलो की भरमार है, जिनके विकास, जीर्णोद्धार, नवनिर्माण से प्रदेश मे आकर्षक, मनोरम पर्यटन केन्द्र विकसित कर रोजगार के नये अवसर पैदा किये जा सकते हैं। उसके लिये हर जिले मे स्थापित धार्मिक न्यासों के साथ पुरातत्व विभाग को जोड़कर उसके सार्थक संचालन हेतु एक कमेटी बनाकर योजनाबद्ध तरीके से विकास को नयी गति दी जा सकती है। यह प्रस्ताव हिन्दू उत्सव समिति धर्मपरिवार के आजीवन संरक्षक नारायण डिगवानी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं वित्त मंत्री को प्रेषित कर आगामी बजट चर्चा मे जोड़ने की मांग की है।
श्री डिगवानी ने आगें कहा है कि समूचे प्रदेश में प्राचीन धार्मिक मन्दिरों की अरबों-खरबों रूपये की भूमि है, जिनमे या तो अवैध कब्जे हैं, या अतिक्रमण है, या फालतू पड़ी हुई है, जिनका कोई लाभ मन्दिरों के विकास में नही हो पाता है। ऐसी भूमियों को योजनाओं मे समायोजित कर उससे मिलने वाली मुआवजे (फण्ड) की राशि को स्थानीय धार्मिक न्यासों को सौपी जाकर शक्तिशाली बनाया जा सकता है औरहर जिले के प्राचीन स्थलों मे उज्जैन महाकाल कारीडोर की तरह नये-नये धार्मिक कारीडोर बनाये जा सकते हैं और हजारों जीर्णशीर्ण स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप मे परिवर्तित किया जा सकता है। अगर इसमें पुरातत्व विभाग को जोड़ा जायेगा तो कार्ययोजना को नई दिशा मिलेगी।
श्री डिगवानी ने बताया कि उदाहरण स्वरूप रीवा में नृत्यराघव शरण मन्दिर और लक्ष्मणबाग संस्थान की खाली भूमि में कारीडोर बनाये जाने की योजना बनाई जा सकती है, जिसके लिये इन संस्थानों की खाली भूमि को मुक्त करा के उसके समुचित उपयोग से करोड़ो का फण्ड धार्मिक न्यास के खजाने को भर सकता है। इसी के साथ छुहिया पहाड़ मे पवन ऊर्जा निर्माण केन्द्र बनाये जाने की संभावना को देखते हुये सर्वे कराके फलीभूत किया जा सकता है। इसी तरह समूचे प्रदेश में नवाचार योजनाओं पर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों से चर्चा कर आगें कार्यवाही की जा सकती है। श्री डिगवानी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं वित मंत्री से इस सम्बन्ध में गहन विचार कर इस बिन्दु को आने वाले बजट में जोड़ने कि माँग की है l