फायरब्रांड नेता ज्ञानदेव आहूजा को भाजपा ने किया निलंबित, कारण बताओ नोटिस किया जारी, सामने आया ये मामला….।

जयपुर (राजस्थान) : भाजपा ने अपनी पार्टी के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को निलंबित कर दिया। दरअसल, अलवर में मौजूद एक मंदिर के ‘शुद्धिकरण’ को लेकर पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा विवादों में घिरे हुए थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं पार्टी ने उन्हें ‘कारण बताओ’ नोटिस भी जारी किया है। पूर्व विधायक से भाजपा ने तीन दिन में जवाब मांगा है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन भी किया है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने मंगलवार को ज्ञानदेव आहूजा को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है।

ज्ञानदेव आहूजा राजस्थान के अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट से वर्ष 2013 से 2018 तक विधायक रह चुके हैं। उन्हें भाजपा का फायरब्रांड नेता माना जाता है और वे अपने विवादित बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। आहूजा सिंधी समाज से सम्बन्ध रखते हैं और कई बार उनके बयान राजनीतिक गलियारों में विवाद का विषय बने हैं, वो काफी चर्चित नेता है। वर्ष 2017 में भी उन्होंने गायों की तस्करी और वध के मामलों पर विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें उन्होंने ऐसे लोगों को मार डालने की बात कही थी। उन्होंने वायनाड में आए भूस्खलन को गौहत्या से जोड़कर भी बयान दिया था। वहीँ अब इस मामले में उन पर गाज गिरी है।

कारण बताओ नोटिस जारी :

इस मामले को लेकर पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को जारी नोटिस में लिखा है, ‘‘भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको तुरंत प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है।’’ नोटिस के अनुसार, ज्ञानदेव आहूजा इन आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण देना चाहें तो तीन दिन में दे सकते हैं जिसके बाद उनके खिलाफ तदनुसार अग्रिम अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। इसमें यह भी लिखा गया है कि इस मामले में आहूजा के बयान व कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है और उनका कृत्य घोर अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। वहीँ ऐसे मामले भाजपा के समक्ष कई बार आ चुके है, क्यूंकि भाजपा के लगभग हर नेता हिंदूवादी विचारधारा वाले होते है, कई बार उनके बयान विवाद में आ जाते है, ऐसे ही तेलन्गाना में टाइगर राजा के साथ भी हो चुका है।

ये है पूरा मामला :

पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने सोमवार को अलवर के राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया था। यहां एक दिन पहले हुए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली ने हिस्सा लिया था। भाजपा नेता के अनुसार, कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का कोई ‘नैतिक अधिकार’ नहीं है, क्योंकि उनके पार्टी आलाकमान ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और पिछले साल अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का ‘बहिष्कार’ किया था। उन्होंने दावा किया था कि उनके कृत्य में “दलित” वाला कोई मामला नहीं था। लेकिन अपने इस कृत्य को लेकर आहूजा कांग्रेस पार्टी के निशाने पर आ गए है। पार्टी ने भाजपा नेता के बयान को ‘दलित विरोधी मानसिकता का नमूना बताया है।’

कांग्रेस ने विरोध में खोला मोर्चा :

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेता की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा नेता प्रतिपक्ष जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है। 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है।’’ यह बयान कांग्रेस की तरफ से आया है, वहीँ राज्य में अनेक जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आहूजा के बयान व कृत्य के विरोध में प्रदर्शन किया है। कई जगह आहूजा का पुतला भी फूंका गया है। दलित नेता जूली अलवर (ग्रामीण) सीट से कांग्रेस विधायक हैं, जबकि आहूजा अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक हैं। वहीँ उनका दलित विरोधी कोई बयान स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन वो राजनीति की भेंट चढ़ गये है। वहीं किसी व्यक्ति विशेष का अपमान पूरे समाज का अपमान कैसे हो सकता है, यह सवाल भी कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उठाया है।