रायपुर : फरवरी में वीआईपी रोड में हुए एक्सीडेंट के मामले में जेल गई उज्बेकिस्तान की विदेशी महिला को जमानत मिल गयी है। नोरा नाम की ये लड़की उज्बेकिस्तान की रहने वाली है, जब एक्सीडेंट हुआ था तब वह वकील की गोद में बैठी हुई थी। आरोप है कि वो कथित तौर पर सेक्स रैकेट का भी हिस्सा है। इस मामले में पुलिस की जांच चल रही है। युवती जिस कार में सवार थी, उस कार से 6 फरवरी 2025 को आधी एक एक्सीडेंट हो गया था। एक सरकारी वकील के साथ बैठी रशियन युवती की कार ने स्कूटी सवार को जोरदार टक्कर मार दी थी, इस घटना में एक युवक की जान चली गयी थी। इस घटना के बाद आधी रात सड़क पर रशियन गर्ल ने खूब बवाल काटा था। उस समय वीआईपी रोड पर आधी रात तमाशा खड़ा हो गया था।
वहीँ इस मामले में कोर्ट में वकील ने दलील दी है, कि रशियन गर्ल को ड्राइविंग नहीं आती, बावजूद गलत तरीके से फंसाकर पुलिस ने उस पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर दिया है। इस मामले को हाईकोर्ट में भी चुनौती देने की बात कही जा रही है। इधर उक्त महिला नोरा का पासपोर्ट अभी पुलिस के पास ही रहेगा।
महिला का केस वकील अनुराग गुप्ता ने लड़ा है। वकील ने कहा कि एक टूरिस्ट के तौर पर नोरा भारत आयी थी, लेकिन उसे टेटरिस्ट की तरह पेश किया गया। पुलिस की कार्यशैली पर भी वकील ने सवाल खड़े किये। कोर्ट को बताया गया कि नोरा की गिरफ्तारी के बाद भारतीय दूतावास को इसकी सूचना काफी देर से दी गयी। वहीं जो कार्रवाई की गयी, वो भाषा के प्राब्लम्स की वजह से युवती समझ भी नहीं पा रही थी। कोर्ट ने वकील के तर्को को सुना और फिर उसे जमानत दे दी।
युवती के अधिवक्ता ने बताया कि पुलिस की जांच में कई खामियां मिली। प्रकरण की जांच के दौरान ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि हादसे के समय वह कार चला रही थी जबकि उसे कार चलाना ही नहीं आता है। घटना के समय वह कार में बैठी हुई थी। ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में विदेश मंत्रालय के माध्यम से इस बात की पुष्टि की जानी थी। जिसे कोर्ट के समक्ष रखा गया। न्यायाधीश ने सभी तर्कों को सुनने के बाद युवती को जमानत दी है। बताया गया है कि कार में विदेशी युवती नोदिरा और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के विशेष लोक अभियोजक भावेश आचार्य सवार थे।