अंडा ठेला लगाने वाले कैसे बन गये करोड़पति, पर पंचर बनाने वाले कैसे बन गये अरबपति, इस पर कोई बात नही : राज विक्रम।

राज विक्रम/मेहमान सम्पादक : आज बात करते छत्तीसगढ़ के गैंगस्टर तोमर बंधुओ की। तोमर बंधुओ को जानने वाले लोग बताते है कि वो लोग बाहर से आये थे और अंडा ठेला लगाते थे, फ़िर एक गाड़ी चोरी के मामले में वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी का नाम सामने आया था। तब मेरी मुलाकात अन्य किसी मामले में क्राइम पुलिस में रहे एक सिपाही जी से हुई थी और बातचीत के दौरान उन्होंने एक स्कॉर्पियो चोरी का जिक्र किया था और तोमर बंधू की फोटो दिखायी। उन्होंने कहा ये आदमी कहीं दिखे तो आप हमें जरूर बताये इसको पकड़ना बहुत जरूरी है, तब पहली बार रूबी तोमर का नाम मैंने सुना था, कुछ दिन बाद रूबी पकड़ा गया और लंबे समय तक जेल में रहा। मैं एक नोटरी के संबंध में कोर्ट गया हुआ था तब मैंने उसे कोर्ट में देखा क्योंकि पुलिस अधिकारी ने फोटो दिखायी थी तो मैं पहचान गया और उस दिन उसकी पेशी थी। मैंने उसे बड़े गौर से देखा, दिखने में वह एकदम सीधा सादा, पतला दुबला, मन मे सोचा ये स्कार्पियो चोरी किया है।

खैर वहां से मैं काम निपटा कर निकल गया, कुछ महिनो बाद वो जयस्तंभ चौक में दिखा, मैं गाड़ी रोका उसकी तरफ देखा , उसने भी देखा पर वो समझा नही, मैं बोला कब छुटे जेल से, बोला भैया जबर्दस्ती पुलिस चोरी केस में फंसा दी, इसमे बहुत लोग शामिल थे पर पकड़े मुझे और जेल में डाल दिये। मारे भी बहुत है क्राइम वाले, मैं बोला अच्छे घर से लगते हो ये सब काम मत किया करो। उसने कुछ बोला नही, सर हिलाया तो मैं अपनी ऑफीस चल पड़ा। उसके कुछ दिनों बाद प्रॉपर्टी के किसी विवाद में उसका नाम आया थोड़ा बहुत याद है। मुझे पुराने धमतरी रोड की प्रॉपर्टी थी , ऐसे कुछ कुछ समय मे उसके मामले सुनाई देते थे, उसके घर पर विवाह था जिसमे फर्नीचर आदि आया था। उस दुकानदार ने अपना पैसा मांगाऔर रूबी की माँ से बदतमीजी की। फिर दुकानदार से हाथा पाई हुई और गोली चली एक व्यक्ति मारा गया और वो नही मरता तो उस दिन रूबी जरूर मर जाता, क्योंकि वो लोग रूबी पर हावी हो चुके थे। पर तब तक रूबी एक अपराधी बन चुका था , उसको कोर्ट पुलिस से कोई बहुत डर नही रहता था क्योंकि अक्सर उसके मामले मुझे सुनाई देते थे। पर मैं कोई टिका टिप्पणी नही करता था।क्योंकि उद्धव से लेना न माधव को देना और मेरी सोच थी।

वहीँ एक हिन्दू आदमी गुंडा बन रहा है तो ठीक ही है बुराई क्या? सिर्फ मुस्लिम ही भाई थोड़ी बनेंगे, सवाल ये है यहां तक का जो उसका सफर था वो बिना पुलिस की मदद के तो हुआ नही होग , जहां तक मेरी जानकारी उस समय तक उसके सम्पर्क राजनीतिक लोगो से नही हुये थे वो एक सामान्य ही गुंडा था। ईसी बीच उसके छोटे भाई का विवाद कहीं हुआ और उसने बहुत मारपीट की, तो लोगो को उसके भाई की जानकारी लगी। हिन्दू नववर्ष की यात्रा में उसका छोटा भाई रोहित तोमर मुझसे आ कर बड़ी आत्मीयता से मिला, अच्छा लगा उसे मिलकर क्योंकि उस वक़्त तक उसका कोई गलत मामला सामने नही आया था।

वहीँ उसके आगे बड़ा भाई रूबी तोमर अचानक वो करनी सेना में सक्रिय हुआ और धीरे धीरे वह संगठन गढ़ने में लग गया, जब भी हिन्दू संगठनो के कार्यक्रम होते थे वीरेंद्र सिंह तोमर जरूर आता था एवं करनी सेना के कार्यक्रमो में सभी संगठनो को निमंत्रण देता था, शायद यह भी हो सकता है। वह अपनी छवि सुधारने में लग गया हो , उसे अंदर से यह एहसास हुआ होगा वो एक दौर था अब खुद को सफेदपोश में ढाल लेना परिवार की बेहतरी होगी औऱ फिर एक सफर शुरू हुआ राजनीतिक लोगो से मिलना कार्यक्रमो के निमंत्रण देना, मुझे भी कई बार निमंत्रण आये पर किसी न किसी कारणवश मैं नही जा पाया। पर समय अवसर होता तो जरूर जाता क्योंकि हमारा मकसद गुंडे बदमाशो को बढ़ावा देना नही है बल्कि देश धर्म की सेवा में लग जाये और पुरानी भूल को सुधार कर अच्छे इंसान बने।

उसके छोटे भाई की संगत दिन ब दिन बिगड़ रही थी, हर तरफ से खबरे मिलती रहती थी बड़ा भाई रूबी गुंडागर्दी से कोसो दूर हो गया था पर छोटे भाई का दौर शुरू हो चुका था, महाराष्ट्र में भाई दादा लोगो का सोना पहनने का प्रचलन बढ़ गया था और उस वक़्त तक तोमर बंधुओ के पास जमकर पैसा आ गया था , पूर्ववर्ती बघेल सरकार में एक कार्यवाही हुई तो जरूर पर कुछ दिन में ही सब कुछ रुक गया। फिर एक दिन अचानक परम पूजनीय संत श्री रितेश्वर महाराज के साथ उनकी तस्वीर वायरल हई एक सभा मे उनका आशीर्वाद लेते हुवे रूबी तोमर दिखा और फिर उनका आगमन हुआ रायपुर के तोमर बंधुओ के गंगा आरती के कार्यक्रम में। गंगा आरती का आयोजन के पीछे एक बहुत बड़ा विजन था भविष्य में ग्रामीण विधानसभा की दावेदारी और छत्तीसगढ़ क्रांति सेना का विरोध भी शुरू हुआ क्योंकि बाहरी का मामला भी तूल पकड़ चुका था और उसी दौरान रोहित तोमर के किस्से आये दिन प्रचलित थे।

रूबी तोमर बहुत साल पहले ही ट्रेक बदल चुका था , वह जो भी सेनोरियो है यूपी स्टाइल ही है , वहां दबंगई होती है और उसी दम पर राजनीति में घुसपैठ होती है पिछले 20 सालो में मेरा छत्तीसगढ़ बदल गया है , अब यहां शूटर , गैंगस्टर का कब्जा हो रहा है , मैं तोमर बंधुओ को गेंगस्टर नही मानता क्योंकि एक भी मामला उनका गेंग बाजी का नही है न ही वो किसी गैंग से सीधा लड़े है , लोगो से मैंने बस इतना हमेशा सुना है, रोहित तोमर ने गुंडागर्दी की है, निर्दोष और दबे कुचले हुये लोगो से पैसा बनाया है।

रही बात बाहरी और आंतरिक तो पिछले 20 सालों में प्रशासन फेल साबित हुआ है , चाहे बिहारी मुसलमानों का मामला हो या अवैध बांग्लादेशी मुसलमानों का मामला हो। बाहरी भीतरी तो बाद का विषय है वैसे देखा जाये तो प्रशासन में 70% से अधिक अधिकारी बाहरी है क्योंकि शिक्षा ने उन्हें यह अधिकार दिया है, एक शिक्षित व्यक्ति सिर्फ भारतीय होता है और वह अधिकारी बन कर आम जनता के लिए न्याय करे सभी को उनसे यही उम्मीद रहती है।

इस मामले में यहां एक बड़ा सवाल खड़ा होता क्या पूरे छत्तीसगढ़ या रायपुर में सिर्फ तोमर बंधुओ के पास अवैध संपत्ति है या उन्हें राजनीतिक दखल की वजह से इतना हाई लाइट किया गया है, कहीं से भी मुझे गैंगस्टर नही लगते है और एक बड़ा प्रश्न ये है अंडे ठेले से ले कर यहां तक का सफर बिना सरकारी मदद के कोई कैसे तय कर सकता है? सभी दोषी अधिकारियों पर भी लगाम लगनी चाहिए। दूसरी तरफ शहर भर में इससे ज्यादा अवैध सम्पति बनाने वालों की एक लंबी सूची है प्रशासन उन सब पर कब कार्यवाही करेगा , प्रशासन तोमर बंधुओ को गोली मार दे, हमे कोई एतराज नही पर उससे बड़े बड़े गुंडे माफिया तस्कर बैठे है जो कभी पंचर बनाते थे, कभी वेल्डिंग करते थे, कभी पान दुकान लगाते थे, उनका हिसाब कब होगा? शहर प्रदेश की जनता प्रशासन की तरफ देख रही है

महोदय जी छपरी छाप तोमर बंधुओ को इतना बड़ा गैंगस्टर बता रही है असली गैंगस्टर कौन लोग है हम बतायेंगे, हमारे पास रिकॉर्ड है। कई गौ तस्करों का ऑन रिकॉर्ड मामला दर्ज है, मजबूत कार्यवाही क्यों नही होती, कबाड़ की आड़ में करोड़ो रुपयों की हेराफेरी हो रही है कार्यवाही कब होगी? धर्मांतरण के लिए इतनी बड़ी फंडिंग आ रही है उसकी जांच कब होगी? पूरा प्रदेश नशे में डूब रहा है कब जागेगा प्रशासन? महोदय अगर आप सफाई कर ही रहे है तो पूरी तरह से कीजिये पूरे प्रदेश की जनता आपके साथ है। मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और वर्तमान की सरकार किसी भी देश द्रोही , अराजकत तत्वों , गेंगस्टरो, तस्करों को नही छोड़ेगी यह भी मुझे उम्मीद है पर छपरी छाप लोगो पर कार्यवाही करने से शहर का माहौल ठीक नही होगा , आपको उचित स्थान पर हथौड़ा मारना होगा ।।

लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास करने वाला एक आम नागरिक आपका राज विक्रम।