नन विवाद में ईसाई समाज ने की बजरंग दल के नेताओं को गिरफ्तार करने की मांग, मुख्यमंत्री ने कहा “जमानत” क़ानूनी प्रक्रिया।

जगदलपुर : बीते दिनों मानव तस्करी के आरोप में दुर्ग स्टेशन से केरल की दो नन को पकड़ा गया था, जिसके बाद राजनैतिक बवाल काफी हुआ है। दुर्ग रेलवे स्टेशन में ननों की गिरफ्तारी के बाद उपजे विवाद की लपटें अब बस्तर तक पहुंच गई हैं।जगदलपुर में मसीह समाज के पदाधिकारियों ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपते हुए बजरंग दल के नेता रतन यादव और सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति शर्मा पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है। वहीँ इस मामले में ईसाई समुदाय ने आरोप लगाया है कि दुर्ग में ननों की गिरफ्तारी गलत थी और कोर्ट से उन्हें जमानत मिलने के बाद भी उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने 1 अगस्त को चांदनी चौक में हुए पुतला दहन और आपत्तिजनक नारों का विरोध करते हुए इसे अमानवीय और असंवैधानिक बताया है।

समुदाय का कहना है कि इस घटना से क्षेत्र में तनाव और दहशत का माहौल बन गया है। मसीह समाज ने दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है, ताकि सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बना रह सके। इसके साथ ही कहा है कि अगर हमारी मांग पूरी नही होती है तो हम उग्र आंदोलन करते हुए चक्काजाम करेंगे। वहीँ बजरंग दल ने कहा है कि केरल की ननों का छत्तीसगढ़ में क्या काम था? दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार की गईं केरल की दो कैथोलिक ननों ‘सिस्टर प्रीति मेरी और सिस्टर वंदना फ्रांसिस’ को सशर्त जमानत दे दी। इस मामले पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रतिक्रिया में कहा, “यह कानूनी प्रक्रिया है, जमानत मिलना स्वाभाविक है इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।” वहीँ कोर्ट ने तीनों आरोपियों से 50-50 हजार रुपये का बॉन्ड भरवाया है और उनका पासपोर्ट तथा वीजा जब्त कर लिया गया है। कोर्ट की अनुमति के बिना अब ये देश से बाहर नहीं जा सकेंगे, इस मामले की आगे भी सुनवाई चलेगी।