नई दिल्ली : जहाँ आज वैश्विक स्थितियां व्यापार, त्यौहार, अधिक परस्पर-निर्भर होती जा रही हैं, सऊदी जैसे मुस्लिम देश भी लम्बे समय से दीपावली का त्यौहार और भारतीय त्यौहार मनाते आ रहे है। वहीँ वर्तमान में जहाँ खानपान दीपावली के अवसर पर देश और दुनिया भर में करोड़ों रुपये के पटाखे फोड़े जाते हैं। तो इस दौरान भारतीय समाज दो हिस्सों में बंटा हुआ नजर आता है। जहाँ कुछ लोग दीपावली के अवसर पर पटाखे न फोड़ने की हिदायत देते हैं और पर्यावरण को बचाने की बात करते हैं, तो वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सिर्फ पटाखे फोड़ने से पर्यावरण दूषित नहीं होता, इसलिए दीपावली पर पटाखे फोड़ने से रोकना सही नहीं है।
इसी कड़ी में पुरानी दिल्ली के मुस्लिम क्षेत्रों में अन्य उलेमा-ए-कराम की तरफ से मुस्लिम समाज को दीपावली के अवसर पर पटाखे न फोड़ने की अपील की गई है और लोगों को जागरूक करने की कोशिश की गई है। दरअसल, पिछले कुछ सालों से पुरानी दिल्ली के क्षेत्र में खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दीपावली के अवसर पर पटाखे फोड़ने का चलन बढ़ा है। ;लगातार मुस्लिम समाज के लोग दीपावली में हर साल लाखों के फटाके फोड़ रहे है।
यहां हर साल दीपावली के अवसर पर लाखों रुपये के पटाखे फोड़े जाते हैं। इन सब के बीच उलेमा-ए-कराम की ओर से दीपावली के अवसर पर पटाखे न फोड़ने को लेकर मुस्लिम समाज से अपील की गई है। उलेमा-ए-कराम ने पटाखे फोड़ने को नजायज बताया और मुस्लिम समाज को इस काम से बचने की अपील की है। जबकि यही फटाके मुस्लिम समाज के लोग अपने आवश्यक अवसरों पर फोड़ते है।
इस मामले में मौलाना कासिम नूरी ने इस मुद्दे पर कहा है कि पटाखे फोड़ने से वायु प्रदूषण खतरनाक रूप से बढ़ता है, जो बुज़ुर्गों, बच्चों और बीमारों के लिए बहुत नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम क्षेत्रों में युवा पटाखे फोड़ते हैं, जो शरियत के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पटाखे फोड़ने से कानून भी मना करता है और शरियत के हिसाब से भी हराम है।
उन्होंने पटाखे फोड़ने को हराम बताते हुए तर्क दिया कि पटाखे फोड़ना फिजूलखर्ची है और इससे बीमार व्यक्तियों की तकलीफ बढ़ती है, पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है, इस्लाम में इंसानों, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं देती, इसलिए पटाखे फोड़ना हराम है। इस मुद्दे पर मौलाना जियाउल्लाह कासमी ने अफसोस जताते हुए कहा कि कुछ मुस्लिम युवा, खासकर त्यौहारों के दौरान, न सिर्फ़ हिंसा करके कानून तोड़ते हैं, बल्कि अपने धर्म की शिक्षाओं के भी खिलाफ़ काम करते हैं। वहीँ दूसरी तरफ बागेश्वर धाम के प. धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने मुंबई प्रवास के दौरान बयान दिया है कि दूसरे मजहब के लोगों से अपील है कि पटाखों पर ज्ञान ना पेले, हम आपके बकरीद और ताजिया पर ज्ञान नहीं पेलते है, आप भी हमारे होली दीपावली पर हमें ज्ञान ना पेले। तो वहीँ भाजपा खान सर का पुराना विडियो भी वायरल हो रहा है, वैश्विक युद्ध में जहाँ टनों की मात्रा में बम फोड़े जा रहे है, वहां प्रदूषण नहीं फ़ैल रहा , भारत की दिवाली मनाने से अंटार्टिका की बर्फ पिघल जाएगी?



