रायपुर। प्रदेश के जरूरतमंद लोगों के लिए ‘हमर लैब’ संजीवनी के रूप में उभरा है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में अधिक से अधिक और आसानी से स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग निरंतर प्रयासरत है। मरीज इनसे लगातार लाभान्वित भी हो रहे हैं। पहले बड़ी बीमारियों की जांच कराने के लिए हजारों रूपए खर्च करना पडता था, लेकिन ‘हमर लैब’ में अब सभी प्रकार की स्वास्थ्य जांच नि:शुल्क हो रही है।
पंडरी स्थित रायपुर जिला चिकित्सालय में 62 साल के घनश्याम (परिवर्तित नाम) हार्निया की समस्या लेकर पहुंचे थे। उसकी प्राथमिक जांच के बाद सर्जन ने सीबीसी की सलाह दी। रायपुर जिला अस्पताल के ‘हमर लैब’ में ही उसकी सारी जांच की गई। जांच के बाद उसका डब्ल्यूबीसी काउंट एक लाख पांच हजार पाया गया।
पैथोलॉजिस्ट डॉ. श्रद्धा साहू ने घनश्याम के स्वास्थ्य का परीक्षण कर पेरिफेरल स्मीयर की स्लाइड बनवाकर जांच की गई। इस टेस्ट में लाल व सफेद रक्त कोशिकाओं (RBC और WBC) और प्लेटलेट्स के आकार व संख्या की जांच की जाती है। यह दूसरे काउंट्स का पता लगाने में भी मदद करता है, जैसे डब्ल्यूबीसी या न्यूकोराईट के विभिन्न प्रकारों के आकार और संख्या की जांच करना।
घनश्याम के ‘हमर लैब’ में सम्पूर्ण जांच के बाद स्पलीन का बढ़ा होना पाया गया। रोगी के नमूने को साइटोजेनेटिक विश्लेषण के लिए भेजा गया जिसमें क्रॉनिक मायलोजेनस ल्यूकेमिया की पुष्टि हुई।
जरूरतमंदों तक समय पर पहुंच रहा इलाज
‘हमर लैब’ से जरूरतमंदों तक समय रहते इलाज पहुंच पा रहा है। प्रदेश में संचालित ‘हमर लैब’ के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण जांच व डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ‘हमर लैब’ राज्य के जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित किए गए हैं। जिला चिकित्सालयों की ‘हमर लैब’ में 120 प्रकार की और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो की लैब में 50 तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध है। इन लैबों का संचालन स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के द्वारा किया जा रहा है।