रायपुर। की राज्यपाल अनुसुईया उइके का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, आरक्षण को लेकर पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। अध्यादेश या विशेष सत्र बुलाकर इसका समाधान होना चाहिए। इसके बाद सरकार ने कदम उठाया। अब उम्मीद है कि 1 और 2 दिसम्बर को इस पर ठोस फैसला आएगा।
आरक्षण कटौती के मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, आरक्षण को लेकर पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। अध्यादेश या विशेष सत्र बुलाकर इसका समाधान होना चाहिए। इसके बाद सरकार ने कदम उठाया। अब उम्मीद है कि 1 और 2 दिसम्बर को इस पर ठोस फैसला आएगा। इसमें कोई राजनीति नहीं है। सारे राजनीतिक दलों को एक मत होकर फैसला लेना चाहिए। जाति आधार पर सभी को उनका अधिकार मिलना चाहिए।

प्रदेश की जनगणना और आयोग की रिपोर्ट के आधार पर यदि आरक्षण का निर्धारण होता है, तो समाधान होगा। मैं यही चाहती हूं कि सबको अपना हक और अधिकार मिले। उन्होंने कहा, अब विशेष सत्र में सरकार आदिवासियों के हित मे ही फैसला लेगी। सबकी सहमति से आरक्षण पर चर्चा होगी। आरक्षण पर मेरा पूरा समर्थन है। मैं संवैधानिक पद और हूं, और प्रदेश के हित को देखते हुए फैसले लेती हूं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का प्रावधान करने वाले दोनों अधिनियमों में संशोधन विधेयक का प्रारूप मंजूर किया गया। इसमें आरक्षण का नया अनुपात तय हुआ है। सरकार अब आदिवासी वर्ग-ST को उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण देगी, अनुसूचित जाति-SC को 13% और सबसे बड़े जातीय समूह अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण मिलेगा। सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण दिया जाएगा।