रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम की आंखमिचौली लगातार जारी है। आगामी 2 दिनों में पूरे प्रदेश में अंधड़, बारिश और बिजली की आशंका जताई गई है। खासकर दक्षिण छत्तीसगढ़ यानी बस्तर संभाग और मध्य छत्तीसगढ़ यानी रायपुर और दुर्ग संभाग के कई जिलों में तेज अंधड़ के साथ बारिश हो सकती है। उत्तरी छत्तीसगढ़ यानी सरगुजा संभाग में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका ज्यादा है इसलिए यहां रहने वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, एक पश्चिमी विक्षोभ चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पंजाब और उसके आसपास 3.1 से 7.6 किलोमीटर ऊंचाई के बीच विस्तारित है। मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि एक द्रोणिका की अनियमित गति दक्षिण छत्तीसगढ़ से दक्षिण तमिलनाडु तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। जिसस् 24 अप्रैल को क्षोभ मंडल के निम्न स्तर पर प्रचुर मात्रा में नमी युक्त अपेक्षाकृत ठंडी हवा आने की प्रबल संभावना है,
यानी ठंडी हवाओं के असर से प्रदेश का तापमान गिरेगा और प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ अंधड़ चलने, वज्रपात होने तथा ओलावृष्टि की संभावना है। जबकि प्रदेश में अधिकतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए मोबाइल पर रखें ‘दामिनी’ एप
मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इन दिनों आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली मौत की संख्या बढ़ रही है इसलिए ऐसे मौसम में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।
ऐसी स्थिति में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार का ‘दामिनी’ एप लोगों के काम आ सकती है। उन्होंने बताया कि आकाशीय बिजली गिरने से पहले दामिनी लाइटनिंग अलर्ट एप लोगों को बाहर निकलने से अलर्ट करता है और साथ ही जिस जगह पर आप मौजूद है, वहां से 40 किलोमीटर दूर तक की रेंज में जिस दिशा में भी आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है,उसका अलर्ट मोबाइल ऐप पर मिलेगा। ऐसे में जहां लाइटनिंग की आशंका जताई जा रही है उस दिशा में जाने से बचें।
एचपी चंद्रा ने कहा कि ऐसे मौसम में घर से बाहर ना ही निकलें और जब निकलना ज्यादा जरूरी हुआ या कहीं फंस गए हों तब आकाशीय बिजली से पूरी तरह आपकी जान को सुरक्षित करने में यह ऐप आपकी मदद कर सकता है। मौसम विशेषज्ञ ने एक अपील और की है कि ज्यादातर घटनाओं में देखा जाता है कि लोग बारिश से बचने के लिए पेड़ का सहारा लेते हैं लेकिन जब इस तरह का मौसम हो तब पेड़ के नीचे बिल्कुल खड़े ना रहे क्योंकि यहां आकाशीय बिजली गिरने की सबसे ज्यादा आशंका सबसे ज्यादा रहती है।