संत निरंकारी मिशन रीवा द्वारा 18वां विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया150 जागरूक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।

विजय थावानी/रीवा (म.प्र.) : मानवता के मसीहा संत निरंकारी मिशन के युग प्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी की याद में आयोजित मानव एकता दिवस के अवसर पर चोरहटा स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित 18वें विशाल रक्तदान शिविर में “मानवता है धर्म हमारा हम केवल इंसान है” के भाव से ओत-प्रोत होकर मिशन के भाई-बहनों एवं जागरूक नागरिकों द्वारा उत्साहपूर्वक रक्तदान किया गया । रक्तदान शिविर में कुल 150 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। रक्तदान शिविर का शुभारंभ पूर्व मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल जी द्वारा किया गया । इस कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि रक्तदान शिविर लगाकर संत निरंकारी मिशन बहुत ही पुनीत कार्य कर रहा है। संत निरंकारी मिशन रीवा ब्रांच की संयोजक श्रीमती राजकुमारी ककवानी जी ने सभी आगंतुकों एवं रक्त दाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सतगुरु की असीम कृपा से उनकी शिक्षाओं को जीवन में अपनाकर समर्पित भाव से सभी ने रक्तदान किया है । मानव एकता दिवस पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि बाबा गुरबचन सिंह जी ने अपना सारा जीवन मानवता एवं मानव कल्याण के लिए लगाते हुए 24 अप्रैल 1980 को अपना बलिदान दिया । तत्पश्चात बाबा हरदेव सिंह जी ने सन 1986 से इस दिन को मानव एकता दिवस के रूप में मनाते हुए रक्तदान शिविरों की श्रृंखला की शुरुआत की उन्होंने कहा कि “मानव का रक्त नालियों में बहना चाहिए, ना कि नालियों में”।

यह भी बताया कि संत निरंकारी मिशन द्वारा अभी तक लगभग 12लाख 50हजार यूनिट रक्त एकत्रित करके मानव सेवा का पुनीत एवं निस्वार्थ कार्य किया गया है। ब्लड डोनेशन कैंप रीवा के इंचार्ज श्री रवि जोतवानी जी ने बताया कि संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के आयोजकत्व में रक्तदान के लिए प्रेरित करने हेतु जन-जागरूकता अभियान भी चलाया गया। संजय गांधी स्मारक चिकित्सालय के ब्लड बैंक विभाग के डॉ राकेश कुमार धनकर, डॉ लोकेश त्रिपाठी एवं डॉ संतोष सिंह के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ब्लड बैंक की प्रशिक्षित एवं योग्य टीम द्वारा 150 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इस अवसर पर नगर निगम रीवा के स्पीकर श्री वेंकटेश पांडे जी, डॉ सी.बी. शुक्ला जी, डॉ मनोज इंदुरकर जी, सरदार प्रहलाद सिंह जी एवं संतूलाल आहूजा जी विशेष रुप से उपस्थित रहे। रीवा शहर के अतिरिक्त जे.पी. नगर, महसांव, मझिगवां, पटेहरा एवं प्रयागराज से आकर रक्तदाताओं ने अपना योगदान दिया।