रायपुर – भिलाई में ED की ताबड़तोड़ छापेमारी, भारत का करोड़ों रुपये दुबई भेजा गया, हवाला और शराब से जुड़े माफिया ED के राडार पर।

रायपुर/दुर्ग : ED की लगातार छापेमारी से माफिया दहशत में है, वो लगातार भागे-भागे फिर रहे है, आज मंगलवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने एक बार फिर से छापेमार कार्यवाही की है। प्रदेश में ईडी ने 2000 करोड रुपए के आसपास शराब घोटाले का दावा किया है। इस मामले में रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर ईडी की हिरासत में है और बार-बार महापौर एजाज ढेबर को भी पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में बुलाया जा रहा है। अब मंगलवार को हुई छापेमारी के तार इसी कार्यवाही और घोटाले से जुड़े हैं। ED को काफी सबूत मिले है, उसी के हिसाब से लगातार ED की कार्यवाही आगे बढ़ रही है।

खबर है कि अनवर ढेबर से पूछताछ में छत्तीसगढ़ के बड़े ऐसे कारोबारियों के नाम सामने आए हैं जो हवाला का काम भी कर रहे थे। बड़ी मात्रा में रकम को विदेशी खातों में ट्रांसफर कर दिया करते थे, इसके अलावा कुछ ऐसे नाम भी सामने आए हैं जो आबकारी विभाग के अधिकारियों और कुछ नेताओं के साथ मिलीभगत करके शराब में अवैध पैसा बना रहे थे।

इनके ठिकानों पर सर्चिंग और 2 महीने पहले मिले सबूत :

मंगलवार को जिनके ठिकानों पर ईडी ने दबिश दी है, उनमें रवि बजाज, सुमित मालू और भिलाई के रहने वाले अरविंद सिंह शामिल हैं। इन सभी के ठिकानों पर ईडी की टीम सर्चिंग कर रही है।

28 मार्च को ED की टीम जमीन कारोबारी सुरेश बांदे, सीए प्रतीक जैन और कांग्रेस से जुड़े नेताओं के ठिकानों पर पहुंची थी। बुधवार 29 मार्च को रायपुर में IAS अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी बलदेव सिंह भाटिया, भिलाई के होटल संचालक विनोद सिंह, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, उनके भाई के घर पहुंची।

ये भी ईडी की रडार पर :

दुर्ग जिला मुख्यालय की बात करें तो नेहरू नगर निवासी एन उदय राव, शराब कारोबारी पप्पू बंसल, स्मृति नगर निवासी अतुल सिंह, नेहरू नगर निवासी संजीव फतेपुरिया, आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी के ठिकानों पर जांच की गई थी। इस छापे में ईडी को कई सबूत मिले अब यह सभी ईडी के रडार पर हैं। ED की टीम ने सुबह से ही अचानक छापे की कार्यवाही की है।

बड़ी तादाद में रकम दुबई भेजी गई।

ईडी ने आधिकारिक तौर पर दावा किया है कि कारोबारी ढेबर और उसके साथियों ने प्रदेश में शराब के नाम पर एक सिंडिकेट खड़ा किया, जो सरकारी दुकानों में शराब की बोतल पहुंचने तक अपना मुनाफा उसमें जोड़ लिया करता था । इसमें शराब की बोतल बनाने से लेकर शराब की लेबलिंग करने वालों तक से वसूली की गई। बड़ी तादाद में रकम दुबई भेजी गई। सट्टेबाजी का पैसा भी दुबई जाता रहा है।