सीएम भूपेश ने पहले कहा, मांग आयेगी तो “आदि पुरुष” को बैन करेंगे, अब मांग आने पर कहते है, सबसे अच्छा, देखने ही न जायें।

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सीएम भूपेश ने “आदिपुरुष” की रिलीज के अगले दिन तक ख़राब रिपोर्ट आने पर कहा की जनता की मांग आयेगी तो फिल्म बैन की जायेगी, अब आम जनता की आवाज बनकर जब केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने कहा है की मुख्यमंत्री इस पर बैन लगायें तो सीएम भूपेश ने कहा है की सबसे अच्छा, देखने ही न जायें। जबकि दूसरी ओर “द केरला स्टोरी” को बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने सीधे ही बैन कर दिया था।

फिल्म आदिपुरुष को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रदेश में फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है। वहीं इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, सबसे अच्छा तरीका है कि लोग फिल्म को देखने ही न जाएं। रायपुर में रविवार को फिल्म को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध-प्रदर्शन भी किया गया। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने अंबुजा मॉल में पहुंचकर फिल्म का विरोध किया तो अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने फिल्म के विरोध में बूढ़ातालाब धरनास्थल के पास प्रदर्शन कर पुतला दहन किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, फिल्म के बारे में सब कुछ सुन लेने के बाद जबरदस्ती देखने जाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, पैसा आपका, समय आपका है। उन्होंने कहा, सेंसर बोर्ड को ये देखना चाहिए था कि जिस तरह से राम और हनुमान हमारे आराध्य हैं, उनके मुख से इस तरह के डायलॉग बुलवाना सही नहीं है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत :

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केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने फिल्म आदि पुरुष पर बैन की मांग सोशल मीडिया के जरिए की है। केंद्रीय मंत्री ने फिल्म के कुछ दृश्यों पर आपत्ति भी दर्ज की है। उन्होंने सीएम को सोशल मीडिया पर टैग करते हुए लिखा- फ़िल्म आदिपुरुष में हमारे आराध्य श्रीराम, माता जानकी, वीर हनुमान व अन्य चरित्रों का फिल्मांकन जिस तरीके से किया गया है। उससे करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

छत्तीसगढ़ के मंत्री ने फिल्‍म के बहाने पर भाजपा पर साधा निशाना : प्रेमसाय टेकाम :

छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने ट्वीट करके कहा कि आदिपुरुष एक ऐसी फिल्म जो भारतीय जनता पार्टी का दोहरा चरित्र दिखाती है, जो एक तरफ भगवान श्रीराम में अपनी आस्था बताते हैं और दूसरी तरफ भगवान का मजाक उड़ाते हैं। टेकाम ने कहा कि कैसे इस फिल्म में हमारे आराध्य बजरंगबली को अभद्र भाषा बोलते हुए दिखाया गया? कैसे इस फिल्म में रामायण की कथाओं को गलत तरीके से पेश किया गया? आखिरकार कैसे सेंसर बोर्ड इस फिल्म को पास कर सकती है? हमर भांचा राम का यह अपमान हम नहीं सहेंगे, जिम्मेदारों को माफी मांगना पड़ेगा।

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चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश करना उचित नहीं

पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भी फिल्म आदिपुरुष के संवाद और दृश्यों को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, श्री रामचन्द्र जी भारत के रोम-रोम मे बसे हुए हैं। युग-युगांतर से श्रीराम जी की छवि मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में हमारे मन में बसी हुई है। यही कारण है पूरा देश इस नकारात्मकता के विरुद्ध खड़ा है। फ़िल्म में श्रीराम और रामायण के चरित्र को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करना ठीक नही है।

आस्था से छेड़छाड़ ठीक नहीं: अरुण गोविल :

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टीवी के फेमस श्रीराम अरुण गोविल ने एक बातचीत के दौरान कहा, रामायण हमारी आस्था की धरोहर है। फिल्म आदिपुरुष में किरदारों को जिस तरह पेश किया गया वह गलत है। किरदारों के स्वरूप नहीं बदलने चाहिए थे। रामायण समय के चक्र से ऊपर है। किरदारों को सामान्य दिखाया जाना चाहिए था।