अंबिकापुर में जल बवंडर, तालाब का पानी तेज गति से ऊपर की ओर उठने लगा,पेड़ गिरा,छप्पर क्षतिग्रस्त।

अंबिकापुर: बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम फूलीडूमर के तालाब में प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिला।यहां एक तालाब में उठा जल बवंडर तेजी से पानी को खींचते हुए ऊपर की ओर बढ़ा। इसके दायरे में आया एक पेड़ धराशायी हो गया। कुछ घरों के छप्पर उड़ गए। कौतूहलवश लोगों ने इसका वीडियो भी बनाया। जल बवंडर का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है।

बनारस मार्ग पर उत्तरप्रदेश की सीमा पर बलरामपुर जिले का अंतिम ग्राम फूलीडूमर है।इस गांव में एक तालाब है। गुरुवार की दोपहर सब कुछ सामान्य था।तालाब के आसपास किसान खेती में व्यस्त थे।उसी दौरान तेजी से तालाब में बवंडर उठा। देखते ही देखते यह पानी को लेकर ऊपर की ओर उठने लगा। तेज गति के कारण आसपास के पेड़ों की डंगाल टूट गई।यह जल बवंडर तेजी से आगे बढ़ा।

तालाब के पानी को जमीन से बादलों की ओर खींचे जाने का दृश्य देखकर लोग आश्चर्यचकित हो गए। ग्रामीणों के अनुसार यह तूफान लगभग 100 मीटर तक चला। इस दौरान बवंडर के चपेट में एक पेड़ भी आया जो गांव के पूर्व सरपंच शिवशंकर यादव के घर पर गिर गया।ग्रामीणों के अनुसार जब उन्होनें बवंडर का वीडियो बनाना शुरू किया तो कुछ ही मिनट में बवंडर समाप्त हो गया लेकिन उसके पहले तक इस जल बवंडर के कारण कई घरों के छप्पर क्षतिग्रस्त हो गए। ऐसा ही नजारा कुछ वर्ष पहले मैनपाट में भी देखने को मिला था।

उस दौरान भी तालाब का पानी ऊपर बादलों की ओर खींचता चला जा रहा था। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि यह क्षेत्र प्रतिचक्रवाती होता है जो हवा को नीचे से ऊपर की ओर तेज घुर्णन के साथ खींचता है। यदि यह किसी जलराशि के ऊपर से गुजरता है तो वहां तेजी से जल बादलों की ओर चल पड़ता है।

फूलीडूमर गांव की घटना भी इसी का परिणाम है। कुछ वर्ष पूर्व मैनपाट में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। इस प्रकार निर्मित जल बवंडर में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध इतनी अधिक ऊर्ध्वाधर गतिज ऊर्जा बनती है कि यह अपने मार्ग में आने वाले पेड़, मकान, वाहन आदि को ऊपर उठा सकता है और उन्हें विस्थापित कर सकता है।