बिलासपुर। शासन स्तर पर डेंगू व मलेरिया के लिए अलर्ट जारी करने के साथ ही बिलासपुर के कोटा अंतर्गत ग्राम कुरदा में मलेरिया का मामला सामने आया गया है। इसकी वजह से ही ग्राम कुरदा में रहने वाले एक 18 साल के मलेरिया पाजिटिव युवक की सिम्स में शुक्रवार की शाम मौत हो गई।
इसके बाद तत्काल गांव में किए गए सर्वे में मलेरिया के चार पाजिटिव मरीज और मिल गए हैं। वहीं अब कोटा के अन्य संवेदनशील गांव के साथ ही शहरी क्षेत्र में भी मलेरिया, डेंगू फैलने की आशंका बढ़ गई है। कुरदा में रहने वाला 18 वर्षीय अजय कुमार पिता बुधराम बीते 15 दिन से भिलाई में अपने रिश्तेदार के यहां रह रहा था।
मौजूदा स्थिति में भिलाई, दुर्ग, रायपुर और गरियाबंद में मलेरिया व डेंगू फैला है। इसी बीच अजय भी वहां मलेरिया के चपेट में आ गया। जब उसने दो अगस्त को गांव वापसी की थी तो उसने बताया कि उसे बीते कई दिन से तेज बुखार आ रहा है और पूरे शरीर दर्द में उठ रहा है। इसके बाद उसकी तबीयत और भी बिगड़ने लगी। शुक्रवार की सुबह हालत पूरी तरह से बिगड़ जाने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा लाया गया।
जहां पर मलेरिया के लक्षण मिलने पर उसका सैंपल लेकर मलेरिया जांच की गई। इसमें उसके मलेरिया होने की पुष्टि की गई। दोपहर तक हालत और भी नाजुक होने पर उसे सिम्स रेफर कर दिया गया। यहां शाम को उसकी मौत हो गई। मौत होने के तत्काल बाद सिम्स प्रबंधन ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी।
सूचना मिलते ही अधिकारी सकते में आ गए और उसी दौरान कोटा स्वास्थ्य विभाग की टीम को प्रभावित गांव कुरदा का सर्वे करने के निर्देश दिए। देर शाम टीम भी गांव पहुंच गई। वहां पर 18 घर के 96 लोगों की जांच की गई। उनमें से चार मलेरिया पाजिटिव मिलने की पुष्टि की गई। साफ है कि गांव में मलेरिया ने दस्तक दे दी है।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का मलेरिया विंग को सक्रिय कर दिया गया है, ताकि मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके। बाक्स गनियारी में एक महिला मिल चुकी है मलेरिया पाजिटिव कुछ दिन पहले गनियारी के एक महिला के भी मलेरिया पाजिटिव होने की पुष्टि मलेरिया विभाग ने की है। ऐसे में गनियारी में भी सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बरसात के इस मौसम में जगह-जगह जलभराव होने की वजह से मलेरिया व डेंगू के मामले सामने आने की आशंका बढ़ गई है।
लगातार वर्षा के बाद आशंका हुई है प्रबल
लगातार वर्षा हो रही है, ऐसे में जगह जगह अस्थाई गड्ढों का निर्माण हो चुका है। मौसम में उमस और जलभराव डेंगू व मलेरिया के लार्वा पनपाने में सहायक होते है। इसलिए इनके मामले सामने आ सकते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। क्योंकि धीरे धीरे मच्छरों की संख्या बढ़ते ही जा रही हैं।
कोटा ब्लाक के 39 गांव संवेदनशील
मलेरिया और डेंगू को लेकर जिला अंतर्गत कोटा ब्लाक के 39 गांव का संवेदनशील के श्रेणी में रखा गया है। वनांचल क्षेत्र होने की वजह से बीच-बीच में इन गांव से मलेरिया, डेंगू के मामले सामने आते हैं। ऐसे में इन गांव में फिर से सर्वे कराया जाएगा। आशंका है कि इन गांव में इस मौसम में बड़ी संख्या में इनके मरीज मिल सकते हैं।