Umaria News : सात वर्षीय छात्र की खुले सेप्टिक टैंक में गिरने से मौत, चार घंटे तक विद्यालय प्रशासन बेखबर।

Umaria News : उमरिया। कक्षा दो में पढ़ने वाला एक मासूम छात्र स्कूल के सेप्टिक टैंक में गिर गया और इस घटना की किसी को जानकारी नहीं लग पाई। घटना से अनजान विद्यालय प्रबंधन ने शाम को स्कूल बंद कर दिया और शिक्षक रोपा लगाने अपने खेत चले गए। इस घटना की जानकारी जब छात्र के छोटे भाई ने घर जाकर दी तब परिवार और गांव के लोग विद्यालय की तरफ भागे, हालांकि तब तक छात्र की मौत हो चुकी थी। शिक्षा ग्रहण करने गया सात वर्षीय मासूम छात्र विद्यालय परिसर में बने गहरे खुले टैंक में उस समय गिर गया जब वह लघुशंका के लिए गया था। इस बात की खबर विद्यालय प्रबंधन को घटना के चार घण्टे बाद हुई, तब तक छात्र की मौत हो गई थी।

मानपुर में नवगवां के सरस्वती शिशु मंदिर की घटना

मानपुर थाना अंतर्गत ग्राम नवगवां के सरस्वती शिशु मंदिर में अध्ययनरत शिवम पिता राकेश पाल उम्र 7 वर्ष शिक्षक से छुट्टी लेकर विद्यालय प्रांगण में स्थित शौचालय में लघुशंका करने गया था। बताया जाता है कि शौचालय जीर्णशीर्ण अवस्था में है। अंदर टैंक पूरी तरह से खुला हुआ था, जिससे मासूम जैसे ही अंदर गया टैंक में गिर गया,और उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई।

छोटे भाई के सामने घटना

मासूम का छोटा भाई शिवांश भी उसी विद्यालय में अध्ययनरत है। घटना के समय वो शिवम के साथ मे मौजूद था, पर पूरी घटना को देखने के बाद वो भयभीत हो गया। बाद में घर जाकर उसने घटना की जानकारी परिजनों को दी। तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ और परिजन गांव के अन्य लोगों के साथ स्कूल पहुंचे। हालांकि तब तक स्कूल बंद हो चुका था और विद्यालय में कोई भी नहीं था। बाद में स्कूल के स्टाफ को बुलाया गया और घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को टैंक से बाहर निकाला और उसे पीएम के लिए भेज दिया।

विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही

ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही की वजह से यह घटना हुई है। विद्यालय प्रबंधन को टैंक इस तरह खुल नहीं छोड़ना चाहिए था। विद्यालय प्रबंधन ने छोटे-छोटे मासूम बच्चों के जीवन के साथ टैंक को खुला छोड़कर मजाक बना रखा है। एक तरफ तो देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ स्कूल भवन के अंदर सेप्टिक टैंक के खुले होने से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। परिजनों का कहना है कि विद्यालय में शैक्षिक कार्य मे जुटे आचार्य (शिक्षक) छात्रों के प्रति गंंभीरता बरतते तो मासूम को बचाया जा सकता था। इस पूरे मामले में मानपुर पुलिस मर्ग आदि कायम कर घटनाक्रम की तफ्तीश में जुट गई है।