छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा दागियों को नहीं देगी टिकट, इतने नेताओं पर है आपराधिक मुकद्दमे।

रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस वर्ष होने वाले चुनावों को लेकर गहमा गहमी है, जहाँ भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है, वहीँ कांग्रेस ने अभी तक अपनी सूची जारी नहीं की है, इधर भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रत्याशियों के चयन को लेकर इस बार बड़ा दांव खेला है। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा ने दागियों को टिकट नहीं देने का निर्णय लिया है। इस चुनाव में भाजपा अपनी किसी भी पुरानी गलती को दोहराना नहीं चाहती। जो-जो गलतियां भाजपा ने पिछले चुनाव या फिर उप-चुनाव में की है, उनसे सबक लिया गया है। हो सकता है पिछली बार के कई आरोपों से जूझ रहे कद्दावर मंत्री का भी इस बार टिकट कट जाये, हालाँकि चुनावी रणनीति समझना इस बार कुछ ज्यादा ही मुश्किल है, इस बार भाजपा ने वैसे भी अधिकतर नये प्रत्याशियों पर दांव खेला है।

पता चला है कि अभी पार्टी ने अगली सूची के लिए दो दर्जन दावेदारों के नाम काट दिए हैं। इनमें पामगढ़ विधानसभा सीट से टिकट की दावेदार महिला के खिलाफ दहेज यातना का केस दर्ज होने की पुष्टि हुई तो पार्टी ने टिकट काट दी है। भाजपा 21 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद सूची जारी कर दी जायेगी। हारे हुये नेताओं की टिकट तो काटना पूर्णरूप से तय है।

राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो भानुप्रतापपुर उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर दुष्कर्म के आरोपों से पार्टी को करारी हार मिली थी। ऐसे में दागियों को टिकट देकर पार्टी किसी भी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहती। मौजूदा विधानसभा के 90 में से 22 विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। जिनमें 12 विधायक यानी 13 प्रतिशत पर गंभीर अपराध पंजीबद्ध है। इसलिये आपराधिक छवि वाले नेताओं का टिकट निश्चित रूप से कटना तय है।