ईरान और पाकिस्तान के बीच हुआ बवाल, ईरान ने किया हमला तो पाकिस्तान बौखलाया, फिर किया ये….।

ईरान/पाकिस्तान : ईरान द्वारा पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के उल्लंघन और मिसाईल दागने की घटना के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान की जियो न्यूज की खबर के अनुसार ईरान के पाक में पल रहे आतंकियों पर मिसाईल हमले के बाद खिसियाए पाकिस्तान ने तेहरान से अपने दूत को वापस बुलाते हुए ईरानी राजदूत को निष्कासित करने की घोषणा की है। मामले को लेकर पाकिस्तान बौखला गया है और उसने ईरान को अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी है।

दरअसल, ईरान ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर ईरान ने हमले हाल ही में किए थे। इस हमले के बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि दो बच्चों की मौत हो गई है। इससे पहले पाकिस्तान ने हमले की बात ही नहीं स्वीकार की थी। गौरतलब है कि ईरान ने पाकिस्तान में आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के ठिकानों पर मंगलवार को हमले किए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के लिए मिसाईल और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। जैश अल-अदल सुन्नी आतंकवादी समूह है, जो मुख्यत: पाकिस्तान से अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है। इस पर ईरान ने हमले की कार्यवाही की थी। लगातार मुस्लिम देशों के आपस में ही लड़ने की ख़बरें लगातार सामने आ रही है। दुनिया में इस समय एक युद्ध खतम नहीं हो रहा है वहीँ दूसरा युद्ध शुरू होने की तैयारी कर रहा है। ये सब दुनिया के लिये काफी चिंताजनक है।

ईरान की ओर से पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों पर हमला किए जाने के बाद इस्लामाबाद ने तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। इसी के साथ पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत के अपने यहां से निष्कासित कर दिया है। माह भर पाकिस्तान से अपने यहाँ से अफगानियों को बाहर कर दिया था, ये अफगानी पाकिस्तान में चालीस वर्षों से रह रहे थे।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने ईरान के हमले को अपने हवाई क्षेत्र का अकारण उल्लंघन करार दिया है। ईरान ने मंगलवार (16 जनवरी) को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर मिसाईल और ड्रोन से हमला किया था। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ईरान की सरकार ने मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में कुहे सब्ज नामक क्षेत्र में जैश अल-अदल के दो ठिकानों पर हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया है। इससे पाकिस्तानी सेना भी बौखला गई है।

ईरान ने क्यों किया पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ये हमला?

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। यह हमला पिछले महीने दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में एक ईरानी पुलिस स्टेशन पर हुए घातक हमले के मद्देनजर हुआ है। उस हमले में कम से कम 11 ईरानी पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी। ईरानी आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने जैश अल-अदल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने पाकिस्तान की ओर से पंजगुर के पास से हमला किया था, जो ईरान की हालिया सैन्य कार्यवाहियों के पीछे एक संभावित मंसूबे का संकेत देता है। इस मामले ने अब ईरान को भी पाकिस्तान का दुश्मन बना दिया है। वहीँ पाकिस्तान सभी तरफ अपने पड़ोसियों दुश्मन बनाकर घिर चूका है।

इस तरह का एक्शन द्विपक्षीय विश्वास को कमजोर कर सकता है – पाकिस्तान

पाकिस्तान ने एक बयान में कहा, ”पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र के सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है जिसके लिए समन्वित कार्यवाही की जरूरत है। इस तरह की एकतरफा कार्यवाही अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं हैं और द्विपक्षीय विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर कर सकती है।’

क्या है जैश अल-अदल?

जैश अल-अदल की स्थापना 2012 में हुई थी. ईरान ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया है। जैश अल-अदल एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान से संचालित होता है. पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं।

दिसंबर में इस आतंकी संगठन ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 11 पुलिसवालों ने जानें गंवा दी थीं।सिस्तान-बलूचिस्तान की सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है। इस क्षेत्र में ईरान के सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों के साथ-साथ ड्रग तस्करों के बीच संघर्ष होता रहा है।

दावोस में मुलाकात के बीच ईरान की ओर से हुआ हमला :

ईरान की ओर से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले का दावा ऐसे वक्त में किया गया है जब ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन और पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर काकड़ ने दावोस में विश्व आर्थिक फॉरम के मौके पर मुलाकात हुई। 

ईरानी हमलों से स्पष्ट है कि पाक आतंकियों का पनाहगाह :

ईरान की पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक यह स्पष्ट करती है कि पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह है। पाकिस्तान में ही ओसामा बिन लादेन, दाउद इब्राहिम जैसे आतंकियों को ​जगह मिलती रही है। ईरान की यह प्रतिक्रिया आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों की संवेदनशीलता को दिखाती है।

इस हमले में भारत का क्या है अहम रोल :

इजराइल और हमास में जंग के बीच ईरान भी आक्रामक हो गया है। पहले उसने इराक और सीरिया पर मिसाइलें दागीं। इसके बाद पाकिस्तान में भी मिसाइल से हमला कर दिया। ईरान के इस हमले से पाकिस्तान में कई मौतें भी हुई हैं। बड़ी बात यह है कि इधर भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ईरान की यात्रा पर पहुंचे और उधर इस शिया देश ईरान ने ताकतवर पड़ोसी पाकिस्तान पर भी मिसाइलें दाग डालीं। जयशंकर के ईरान पहुंचने और ईरान के पाकिस्तान पर मिसाइल से हमला करने का यह महज संयोग है या पाकिस्तान को कोई कड़ा संदेश?