महादेव सट्टेबाजी के आरोपियों की रिमांड बढ़ी, ED के अधिकारी मुश्किल में, सौम्या चौरसिया सहित इतने लोग जेल में, ED की कार्यवाही में अब हुआ ये….।

रायपुर : महादेव एप मामले में ED के लिये मशक्कत बढ़ती ही जा रही है, जहाँ कोर्ट ने ED को पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिये कहा है वहीँ आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे है, जो ED के लिये मुसीबत खड़ी कर रहा है। महादेव एप सट्टेबाजी मामले में पिछले हफ्ते ईडी की गिरफ्त में आए दो आरोपियों की रिमांड खत्म होने पर बुधवार को उन्हें विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया। ईडी के अधिकारियों ने आरोपियों पर पूछताछ में सहयोग न करने की बात कही है। ईडी ने उनके मोबाईल का काल डिटेल निकालने और रिमांड की मांग की। न्यायाधीश ने इसके आधार पर पांच दिन की रिमांड बढ़ाने का फैसला सुनाया। अब 21 जनवरी को दोनों को कोर्ट में पेश किया जायेगा। लगातार पूछताछ के बावजूद आरोपी अपनी बातों पर अड़े हुये है।

ईडी के विशेष लोक अभियोजक डा. सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि ऑनलाईन महादेव बेटिंग एप सट्टेबाजी मामले में 12 जनवरी को गिरफ्तार नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल की पांच दिन की रिमांड खत्म होने पर बुधवार को विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश कर और उनसे पूछताछ करने के साथ ही दस्तावेजी साक्ष्य जुटाने के लिए रिमांड बढ़ाने का आवेदन दिया गया। न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों की पांच दिन की रिमांड मंजूर की है। दुबारा रिमांड लेने के बाद भी साक्ष्य जुटाना ED के लिये मुश्किल हो रहा है।

सट्टेबाजी में करोड़ों कमाए :

ई़डी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अमित अग्रवाल और नितिन टिबरेवाल पूछताछ में सहयोग नहीं दे रहे है। साथ ही उनके पास से जब्त मोबाईल के काल डिटेल की जांच करने की जरूरत है। गौरतलब है कि अमित अग्रवाल महादेव एप के भागीदार अनिल कुमार अग्रवाल का भाई है।

अमित अग्रवाल ने सट्टेबाजी में करोड़ों रुपये कमाई की है। उसने अपने और पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी है। बैंक खातों में 2.5 करोड़ रुपये जमा मिले हैं। ईडी की जांच से पता चला कि नितिन टिबरेवाल मेसर्स टेकप्रो आईटी के बहुसंख्यक शेयर धारक हैं। जांच में यह भी साफ हुआ है कि साल्यूशंस लिमिटेड नामक कंपनी महादेव एप के लिए फ्रंट के रूप में काम कर रही थी। इन्होने अधिकतर पैसे शेयर बाज़ार में लगा दिये है।

पूछताछ में नितिन टेबरीवाल ने इस तथ्य को छुपाने की कोशिश की। वहीं दोनों आरोपियों नेअपने विदेशी बैंक खातों और संपत्तियों की भी कोई जानकारी नहीं दी है, जिसके बारे में पता लगाना ED के लिये मुश्किल हो रहा है। नितिन टिबरेवाल ने दुबई में बंगले और कई संपत्तियां खरीद रखी हैं। शेयर खरीदी के जरिए वह सट्टेबाजी का पैसा खपाता था। वहीं अमित अग्रवाल सट्टे के पैसे को लोगों में लोन के रूप में बांटकर वापस लेता था।

कोल घोटाला: आरपी सिंह की अग्रिम जमानत पर सुनवाई 27 को :

वहीँ प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता आरपी सिंह की अग्रिम जमानत पर 27 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई होगी। दरअसल विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के अवकाश पर रहने के कारण सुनवाई को आगे बढ़ा दी गई है। ईडी ने कोल स्कैम और मनी लाड्रिंग के प्रकरण में आरपी सिंह सहित भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, रजनीकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय, पीयूष साहू, नवनीत तिवारी और नारायण साहू को आरोपित बनाया है। वहीं इसी प्रकरण में निलंबित आइएएस समीर विश्नोई, रानू साहू, राज्य सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया, एसएस नाग, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, दीपेश टांक, संदीप नायक और निखिल चंद्राकर फिलहाल केंद्रीय जेल में बंद हैं।