59 वर्षों बाद रविशंकर विश्वविद्यालय में अब होगी कामर्स की पढ़ाई, पीएचडी शोध केंद्र की भी होगी स्थापना,छात्रों की पूरी हुई मांग।

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के छात्रों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अध्ययनशाला शुरू होने के 59 वर्षों के बाद कामर्स की पढ़ाई शुरू हो रही है। विश्वविद्यालय की शुरुआत सन 1964 में हुई थी।

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के छात्रों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अध्ययनशाला शुरू होने के 59 वर्षों के बाद कामर्स की पढ़ाई शुरू हो रही है। विश्वविद्यालय की शुरुआत सन 1964 में हुई थी। उस समय से आर्ट्स और साइंस की पढ़ाई हो रही है। अब पहली बार यहां कामर्स की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय में नया अध्ययनशाला शुरू होगा। यहां पर छात्र एमकाम की पढ़ाई कर सकेंगे, इसके साथ ही कामर्स में पीएचडी भी कर सकेंगे।

इसके लिए विश्वविद्यालय में पीएचडी शोध केंद्र भी बनाया जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय के छात्रों को फारेंसिक साइंस की पढ़ाई करने का भी मौका मिलेगा। इसके लिए अलग से अध्ययनशाला खोला जाएगा। यह आपराधिक न्यायिक तंत्र में निष्पक्ष परीक्षण एवं जांच के लिए बहुत उपयोगी है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि दोनों विषय बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इनकी पढ़ाई से छात्रों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। एमकाम की मांग बहुत वर्षों से हो रही थी, हमने शासन को भी कई बार पत्र लिखे हैं। पिछले वर्ष भी हमें अनुमान था कि कोर्स शुरू करने की अनुमति मिलेगी, लेकिन नहीं मिली। एमकाम की पढ़ाई विश्वविद्यालय परिसर में नहीं हो रही थी, लेकिन विश्वविद्यालय के संबद्ध कालेजों में एमकाम की पढ़ाई होती थी।

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शोध के बढ़ेंगे अवसर…

विश्वविद्यालय में कामर्स का अध्ययनशाला खुलने से छात्रों को शोध के अधिक अवसर मिलेंगे। विश्वविद्यालय में शोध केंद्र भी बनाया जाएगा। अभी तक कालेजों के प्राध्यापक शोध करवाते हैं, लेकिन उनके पास संसाधनों की कमी रहती है। विश्वविद्यालय में शोध केंद्र खुलने से छात्रों को सोर्स उपलब्ध हो जाएंगे।

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इंडस्ट्री की मांग के अनुसार बनेगा पाठ्यक्रम…

विशेषज्ञों ने बताया कि विश्वविद्यालय में कामर्स की पढ़ाई शुरू होने से संबद्ध कालेजों के छात्रों को भी इसका फायदा होगा। कालेजों में एमकाम की पढ़ाई पुराने पाठ्यक्रम पर होती है। इसके कारण छात्रों को रोजगार के लिए भटकना पड़ता है। विश्वविद्यालय में शुरू होने से विश्वविद्यालय इंडस्ट्री, बाजार के मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करेगा। इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप छात्र तैयार होने पर इंडस्ट्री उन्हें हाथों-हाथ लेकर रोजगार देगी। कैंपस प्लेसमेंट के जरिए बड़ी-बड़ी कंपनियां आएंगी। कालेजों में सिर्फ लोकल कंपनियां आती हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर मल्टीनेशनल कंपनियां भी आएंगी। बड़े-बड़े विशेषज्ञ भी कालेजों में बुलाने पर कम आते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर तुरंत आने के लिए तैयार हो जाते हैं।

होटल मैनेजमेंट और चार वर्षीय बीएड कोर्स भी…

पीआरएसयू में इस शैक्षणिक सत्र से मास्टर आफ होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई भी शुरू हो रही है। इससे छात्रों को होटल प्रबंधन, पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके लिए पहले सत्र में 30 सीटें निर्धारित की गई है। इसी तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत चार वर्षीय बीएड की पढ़ाई भी शुरू हो रही है। छात्र बीए बीएड, बीएससी बीएड, बीकाम बीएड में 12वीं कक्षा के बाद सीधे प्रवेश ले सकेंगे।