व्यापार : कई बार कुछ कंपनियों के शेयरों को लेकर शेयर धारकों में असमंजस की स्थिति बनी रहती है, बिना किसी कारण के कई बार शेयरों के मूल्य में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिलता है। इसी मुद्दे पर सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने सोमवार को कहा कि बाजार नियामक को स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) सेगमेंट में शेयरों की कीमतों में गड़बड़ी के संकेत मिले है। यह गड़बड़ी आईपीओ की कीमतों के साथ-साथ शेयरों की ट्रेडिंग में भी की गई है। साथ ही उन्होंने निवेशकों को भी इसे लेकर सावधान किया है। कई बार कीमतों में असमंजस की स्थिति में फंसकर शेयर धारक रकम लगा देते है जो बाद में नुकसानदायक होती है।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि बुच ने कहा कि हमें एसएमई सेगमेंट के शेयरों की कीमतों में गड़बड़ी के कुछ संकेत मिले हैं। हमारे पास इसे पहचाने के लिए तकनीक मौजूद है। हम कुछ निश्चित पैटर्न इनमें देख रहे हैं। रेगुलेटर की ओर से आईपीओ और शेयरों की कीमतों में गड़बड़ी के सबूत भी जुटाए जा रहे हैं। हालांकि, अभी इनपुट होने के बाद भी एक्शन न लेने की वजह रेगुलेटर की ओर से केस को मजबूत बनना है। इसमें सबूत इकट्ठे करने के बाद ही कार्यवाही संभव है।
जानकारी का किया जा रहा आंकलन :
बुच की ओर से आगे कहा गया कि बाजार नियामक सलाहाकारों के बातचीत करके सभी पहलुओं की जानकारी का आंकलन कर रहे हैं। अगर हमें कुछ जालसाली मिलती है और हमारा अगला काम जनता को इसके बारे में सूचित करना होगा। साथ ही बताया कि निवेशकों को समझना होगा कि एसएमई सेगमेंट मैनबोर्ड मार्केट से काफी अलग है। सेबी के लिए निवेशकों को किए जाने वालेडिस्क्लोजर के नियमों के संदर्भ में इसे रेखांकित करना जरूरी है।
ASM और GSM जैसे फ्रेमवर्क होंगे लागू :
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निवेशकों की रक्षा के लिए सेबी का पहला कदम एसएमई सेगमेंट में एसएसएम और जीएसएम फ्रेमवर्क लागू करना है, जो कि फिलहाल एसएमई सेगमेंट में लागू नहीं होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि एसएमई आईपीओ में अब रिक्स से जुड़े कई डिस्कोजर देने होंगे। बता दें, पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में एसएमई आईपीओ आए हैं, जिनमें से कई आईपीओ की लिस्टिंग शुरूआती मूल्य से कई गुना ज्यादा पर हुई है और शेयरों में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। बाद में शेयरों के दाम में अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गई है, जिसका नुकसान शेयर धारकों को उठाना पड़ा है।



