नई दिल्ली : समान नागरिक संहिता को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है, वहीँ CAA को लेकर भी काफी विरोध हुआ है। UCC मतलब समान नागरिक संहिता कानूनों के एक सामान्य समूह को संदर्भित करती है, जो भारत के सभी नागरिकों पर विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार के संबंध में लागू होती है। ये कानून भारत के नागरिकों पर धर्म और लिंग रुझान के बावजूद लागू होते हैं। इसके अंतर्गत देश के सभी जातिवर्ग का भेद ख़त्म करके सभी के लिये एक सामान अधिकारों को मान्यता देती है। वहीँ इस मामले पर UCC को लेकर अमित शाह ने कहा ‘शरिया और हदीस से जीना है तो पूरा जीना चाहिए, सिर्फ चार शादियों को करने के लिए शरिया और हदीस क्यों आता है।’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी कार्यक्रम में ये बात कही।
उन्होंने बताया कि इस देश का मुसलमान शरिया और हदीस की इन सारी चीजों से अंग्रेजों के समय से ही देश से कटा हुआ है। सिर्फ अपना देश ही नहीं, बल्कि अन्य ढेर सारे इस्लामिक राष्ट्र भी इसे छोड़ चुके हैं। एक टीवी के कार्यक्रम ‘राइजिंग भारत समिट’ में अमित शाह ने इन बातों का जिक्र खुलकर किया, इसके साथ ही कांग्रेस पर निशाना भी साधा। उन्होंने दो टूक कहा कि ये कांग्रेस की वोट बैंक की पॉलिसी है, इस देश के माइनॉरिटी इससे बाहर आएं। UCC भी लागु किया जायेगा।
शरिया – हदीस का जिक्र कर शाह ने राहुल गांधी को घेरा :
इस कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि आज भी सिविल सूट होता है तो देश के संविधान के हिसाब से ही मुसलमान भाइयों का सिविल सूट होता है। शरिया या हदीस के हिसाब से नहीं होता है। सिविल सूट के लिए काजी के पास कोई नहीं जाता है। क्या वो सब राहुल गांधी लागू करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि शरिया और हदीस के हिसाब से तो चोरी करने वालों के हाथ काट दो, बलात्कार करने वालों को पत्थर मारकर जान से मार दो, देश का जो विद्रोह करेगा उसको फांसी पर चौराहे पर लटका दो, ये सारा नियम लाना है क्या?
यूसीसी पर बोले शाह – हम इससे पीछे हट नहीं सकते :
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अमित शाह ने आगे कहा कि शरिया और हदीस से जीना है तो पूरी तरह से जीना चाहिए। सिर्फ चार शादी के करने के लिए शरिया और हदीस क्यों आता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। ‘राइजिंग भारत समिट’ पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड यूसीसी हमारी पार्टी का पुराना मुद्दा है। इसके लिए हमारी पार्टी ने हमेशा आंदोलन किया है। हम इससे हट नहीं सकते हैं। हम मानते हैं कि पंथ निरपेक्ष देश में सभी के लिए एक कानून होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के भेदभाव के लिये जगह नहीं होना चाहिये।
‘यूसीसी कोई भाजपा का एजेंडा नहीं है’ :
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अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि यूसीसी भारतीय जनता पार्टी का देश की जनता को वादा है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध कोई भी हों, सभी को एक कानून से जीना चाहिए, किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिये। धार्मिक स्वतंत्रता में कोई दखल नहीं होना चाहिए, लेकिन कानून एक होना चाहिए। एक कानून की बात हमारे संविधान निर्माताओं की तय की हुई बात है। ये कोई भाजपा का एजेंडा नहीं है। एनआरसी पर अमित शाह ने कहा कि अभी देश के सामने CAA का कानून है। इसमें एनआरसी का कोई वायरस नहीं है। इन कानूनों से मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें इन कानूनों के जरिये बराबर का अधिकार दिया जा रहा है।



