स्कूल की दीवारों में करंट, मामले में मचा हड़कम्प, सामने आया डराने वाला मामला….।

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले एक सरकारी स्कूल में बच्चों की जान बाल-बाल बच गई, यहाँ एक डराने वाला मामला सामने आया है। जहां गुरूवार को तितुरडीह स्वामी आत्मानंद स्कूल में बिजली का करंट फैल गया, जिससे हड़कम्प मच गया। हालांकि करंट फैलने पर शिक्षकों की सूझबूझ से सभी बच्चों को सुरक्षित क्लास रूम से स्कूल ग्राउंड में बाहर निकाला गया, सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। इस घटना के बाद से जिम्मेदारों के हाथ पाँव फूल गये, इसकी जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। 

घटना को लेकर मिली जानकारी के अनुसार, गुरूवार को तितुरडीह स्थित स्वामी आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल में अचानक दीवार पर करंट आ गया। घटना के समय स्कूल में प्राइमरी के 300 से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। वहीं शिक्षकों की सूझबूझ से सभी बच्चों को सुरक्षित क्लास रूम से स्कूल ग्राउंड में बाहर निकाला गया। रोज की तरह गुरूवार को भी क्लास लगी। इसकी जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी और परिजन मौके पर पहुंचे। जैसे ही दीवार में करंट की बात सामने आई, स्कूल प्रशासन में हड़कम्प मच गया।

परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से मांगा जवाब :

घटना को लेकर परिजनों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा है। शिक्षकों ने कहा कि, बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्य स्विच ऑफ कर दिया गया है। अब स्थिति नियंत्रण में है, कोई मुसीबत खड़ी नहीं हुई। फिलहाल जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी कंरट फैलने के कारण में जांच कर रही है। 

सामने आई ये पूरी घटना :

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इस घटना के बाद अहतियात के तौर पर बिजली की लाइन काट दी गई है, अब बच्चे अंधेरे में पढ़ने पर मजबूर हैं। बताया जाता है कि स्कूल की बिल्डिंग जर्जर है, इसी वजह से करंट पूरी दीवार में फैल गया था। घटना को लेकर स्कूल मैनेजमेंट ने बताया कि करंट की खबर लगते ही एक प्राइवेट इलेक्ट्रिशियन को बुलाकर सब चेक कराया गया। इस दौरान पता चला कि एक पंखे की वजह से करंट फैल गया था। इसकी सूचना स्कूल शिक्षा विभाग को भी भेज दी गई। इसके बाद एहतियातन कदम उठाये गये, गौरतलब है कि इसकी जानकारी लगते ही जिला प्रशासन तत्काल हरकत में आया था। जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा खबर देखने के बाद सीधे स्कूल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्कूल के प्राचार्य सहित स्टाफ से बातचीत की और उन्हें फटकार भी लगाई। इतना ही नहीं, उन्होने मौके पर बिजली विभाग के अधिकारियों को बुलाया और तत्काल व्यवस्था दुरुस्त करवाई। वहीं अब स्थिति नियंत्रण में है।

अंधेरे में पढ़ते रहे बच्चे :

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यह पूरा मामला एक दिन पहले का था, अचानक दीवार पर करंट दौडने लगा तो स्कूल मैनेजमेंट ने बच्चों को पहले बाहर निकलवा दिया गया, उसके कुछ देर के बाद स्कूल की छुट्टी कर दी गई। प्रारंभिक रूप से स्थानीय टेक्नीशियन को बुलवाकर थोडी देर के लिए खतरा टाल दिया गया, लेकिन, 22 अगस्त को बच्चे स्कूल में पढाई करने पहुंचे तो पहले उन्हें बाहर बिठाया गया, फिर बारिश का मौसम बनते देख अंधेरे में पढ़ाई करवाई गई। जिस बिल्डिंग में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था वो पूरी तरह से जर्जर हो गई है। इसे डिस्मेंटल करना जरूरी था। बावजूद इसके उसे डिस्मेंटल न कर 3 लाख रुपये की लागत से सिर्फ पॉलिश कर इतिश्री कर ली गई है। अब इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग ने आवश्यक कार्यवाही की बात कही है।