नरेंद्र मोदी को 20 साल तक ढूंढता रहा देना बैंक, प्रधानमंत्री ने बताया ये मामला….। देखें विडियो।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री जनधन योजना के शुभारंभ को अब 10 साल पूरे हो गए हैं, इस योजना ने गरीबों के जीवन में अप्रत्याशित बदलाव किया है, जिसमें सरकार द्वारा भेजा जाने वाला लाभ सीधा पहुँचता है, जिससे बिचौलिये गरीबों के हक़ को ना मार सकें। इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ‘मोदी आर्चिव’ अकाउंट ने पीएम नरेंद्र मोदी का एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर किया है। इसमें पीएम मोदी अपने स्कूल के दिनों का एक किस्सा बताते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो साल 2014 का है जिसमें ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी अपने बचपन के दिनों का एक किस्सा बता रहे हैं। इस योजना के कारण हर गरीब आदमी UPI पेमेंट भी कर रहा है, आज हर आदमी UPI का प्रयोग कर रहा है, जिससे पैसा कहीं भी तुरंत भेजा जा सकता है और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ भी मिल रहा है।

पीएम मोदी कहते हैं, “मैं, मेरे गांव में एक स्कूल में पढ़ता था और उस दौरान ‘देना बैंक’ के लोग हमारे स्कूल में आए। वो गुल्लक देकर समझाते थे कि पैसों को किस तरह से बचाना है। इसी के चलते हमने भी बैंक में खाता खुलवा दिया और मुझे एक गुल्लक भी दिया गया। वह गुल्लक कभी भरा ही नहीं, क्योंकि मेरा बैकग्राउंड ऐसा नहीं था कि उसमें कभी पैसे डाल पाएं।”

पीएम मोदी को क्यों खोज रहे थे बैंक वाले? :

इस मामले को लेकर उन्होंने आगे बताया, कि “खाता खुल गया था, लेकिन मैंने स्कूल और गांव छोड़ दिया था। मगर बैंक वाले मुझे खोजने लगे। शायद उन्होंने मुझे 20 साल तक खोजा होगा, क्योंकि वह खाता बंद करवाना चाहते थे। तब जाकर मुझे पता चला कि उस दौर में खाता बंद करवाने के लिए भी कोशिश की जाती थी। लेकिन, आज खाता खोलने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और मैं इसको गरीबों की जिंदगी का सूर्योदय मानता हूं।”

मोदी आर्चिव ने शेयर किया वीडियो :

मोदी आर्चिव ने वीडियो को शेयर करते हुए ‘एक्स’ अकाउंट पर एक कैप्शन भी लिखा। उसमें लिखा था, “पांच दशक से भी अधिक समय पहले एक युवा स्कूली छात्र ने बचत का महत्व समझाकर बैंक खाता खोला था। उस समय उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सिखायेगा। एक सबक जो बचत के महत्व को दर्शाता है” आज हर गरीब के पास अपना बैंक खाता है।

उन्होंने आगे लिखा, “परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि छात्र के पास बड़े होने के बाद भी बैंक खाते में पैसे जमा करने के लिए साधन नहीं थे। दशकों बिना इस्तेमाल के खाता पड़े रहने को सिस्टम ने एक बोझ के रूप में देखा और इसे बंद करने के लिए लगातार प्रयास किए। आखिरकार 20 साल बाद उन्होंने खुद ही इसे बंद करने का फैसला किया। यह युवा लड़का कोई और नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर दी बधाई :

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प्रधानमंत्री जनधन योजना के आज 10 साल पूरे हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन योजना की 10वीं वर्षगांठ पर खुशी जाहिर की है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लाभार्थियों को बधाई दी है। 28 अगस्त, 2014 को जन-धन योजना की शुरुआत हुई थी। इस दौरान 53 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए थे, जिसमें 55.6 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। चालू वित्त वर्ष में 3 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है। मार्च 2015 में प्रति खाते में औसत बैंक बैलेंस 1,065 रुपये था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपये हो गया है। करीब 80 फीसदी खाते सक्रिय हैं।