शराब प्रेमियों के लिये नशा उतारने वाली खबर, फिर से बढ़े शराब के दाम, सामने आई ये जानकारी….।

रायगढ़ : पंकज उधास का एक मधुर गीत है, बड़ी महंगी हुई शराब के थोड़ी-थोड़ी पिया करो, अब शराब के शौकिनो को ये बात मान ही लेनी चाहिये, क्यूंकि छत्तीसगढ़ में शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर सामने आई है। 6 महीने में दूसरी बार सरकार ने शराब के दामों में वृद्धि जबर्दस्त की है, आबकारी विभाग को इस बार 7000 करोड़ से सीधा 11000 हजार करोड़ के राजस्व का टारगेट दिया है। यहां अलग-अलग ब्रांड के क्वार्टर(पौवा) की कीमत 40 रुपए तक बढ़ा दी गई है। जम्मू डीलक्स विस्की के क्वॉर्टर में 40 रुपए का बढ़ाया गया है तो वहीं सिंबा एडिशन बीयर का रेट 30 रुपए बढ़ गया है। ये बढ़ी हुई दरें 1 सितंबर से लागू कर दी गई हैं। नए रेट लिस्ट को देखने के बाद शराब के शौकीनों में काफी निराशा है। इससे पहले अप्रैल में शराब के दाम बढ़ाए गए थे। लगातार शराब की बढ़ोत्तरी से शराब के शौकीनों के लिये मुसीबत खड़ी हो गई है। यहां देखें आदेश 

वहीँ जब शराब पीने आए अमित यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा शराब के बोतलों में दाम बढ़ाकर सरकार उन्हें परेशान कर रही है। अब पीने की लत लग चुकी है तो कुछ भी करके पीएंगे, इसके बिना अब रहना काफी मुश्किल है। सजीवन हरदर का कहना था कि वह हर दिन शराब पीता है। शराब की आदत लग गई है तो हर दिन पीना ही पड़ता है, लेकिन सरकार इस तरह दाम बढ़ाती जायेगी तो रोजी मजदूरी करने वाले कैसे करेंगे। सहायक आयुक्त आबकारी रामकृष्ण मिश्रा के मुताबिक 130 रुपए से ऊपर के अंग्रेजी शराब के क्वार्टर, हाफ, बोतल और कुछ बीयर के दाम बढ़ गए हैं। उनका कहना है कि ब्रांड रेट ऑफर नहीं होने के कारण कई ब्रांड के शराब नहीं मिल पा रहे हैं। एक तरफ मनमुताबिक ब्रांड नहीं मिल रहा है, और वहीँ दूसरी तरफ शराब के दाम मुश्किल में डाल रहे है।

इन शराबों के बढ़ाये गए दाम :

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सर्कार द्वारा जारी में आदेश व्हाइट एंड ब्लू, फ्रंटलाइन, विडंसर, रॉयल पैशन, आपटर डार्क, ऑल सीजन, वाइट रैबिट, ब्लैक एंड व्हाइट, 100 पाइपर्स डिलक्स, एसी ब्लैक, डबल ब्लैक के साथ ही जम्मू डिलक्स विस्की के रेट बढ़ाये गए हैं। रायगढ़ जिले में 36 देशी और विदेशी शराब दुकानें संचालित हो रही हैं। इसमें 17 देशी और 19 विदेशी दुकान हैं, जिसमें कई शराब दुकानों में शौकीनों को उनके मनपसंद ब्रांड की शराब नहीं मिल पाते हैं। जबकि बार में अधिकतर ब्रांड उपलब्ध होने की बात कही जाती है। एक तरफ मजदूर भी शाम को दारू की भट्टी में मिल जाते है, जिनकी दिनभर की मेहनत के बाद आराम करने के लिये इसकी जरूरत होती है।