नई दिल्ली : शादी के बाद जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है पति-पत्नी के बीच में प्यार को लेकर उत्साह में कमी होती जाती है। प्यार में पड़ना, एक दूसरे को डेट करना या फिर शादी के बाद हर पल एक-दूसरे के साथ बिताना – ये सब जीवन के सबसे खूबसूरत पलों में से एक है। बढ़ती उम्र का ये मतलब नहीं की सामाजिक नियमों के कारण आप अपने जीवन साथी के साथ प्यार के पल ना बितायें। हालांकि, ये समझना भी जरूरी है कि प्यार सिर्फ शुरुआती आकर्षण नहीं है, बल्कि एक लगातार जीवनभर साथ चलने वाला अहसास है, जिसे बरकरार रखने से ही आप जिंदगी में खुशहाली कायम कर सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको ऐसे 5 टिप्स बताते हैं जिनकी मदद से बढ़ती उम्र में भी प्यार और रोमांस को कम होने से बचाया जा सकता है। हाँ एक और बात चलिये फिर कभी, अभी ये तो जान लीजिये।
बातचीत है सबसे ज्यादा जरूरी :
एक-दूसरे से खुलकर बातचीत करना, किसी भी रिश्ते की मजबूती का आधार है। यह सिर्फ शब्दों का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि भावनाओं, विचारों और अनुभवों को साझा करने का एक तरीका भी है। जब हम अपने जीवनसाथी के साथ खुलकर बात करते हैं, तो हम न केवल उन्हें बेहतर समझ पाते हैं, बल्कि वे भी हमें बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। इसलिए अगर आप भी अपने रिश्ते को मजबूत बनाना चाहते हैं और इसकी रंगत को फीका पड़ने से बचाना चाहते हैं तो इस बात को जीवन में उतार लेना ही बेहतर है। कई बार ऐसा होता है की आपका जीवन साथी आपकी बातों में रूचि नहीं लेता और आप उसकी बातों में इसलिये साथ बिताये पुराने पलों को आपस में साझा कीजिये।
बदलाव से घबरायें नहीं :
हमारे जीवन में समय के साथ कई बदलाव आते हैं, जैसे कैरियर, परिवार, स्वास्थ्य आदि। इन बदलावों का असर हमारे रिश्तों पर भी पड़ता है। हम सभी अलग-अलग व्यक्तित्व के होते हैं। कभी-कभी हमारे विचार और भावनाएं एक-दूसरे से मेल नहीं खा पाते हैं। ऐसे में, हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं जो कि बिल्कुल स्वाभाविक भी हैं। कभी सब कुछ अच्छा चल रहा होता है, तो कभी चुनौतियां आ जाती हैं, लेकिन यह जानना बेहद जरूरी है कि यही चुनौतियां आपके रिश्ते को मजबूत बनाती हैं। बदलाव को कैसे स्वीकार करना और उसे कैसे हैण्डल करना है, ये आपकी आपसी समझ पर निर्भर है।
ईश्कमिजाजी भी है जरूरी :
चलते हुये चलते हुये भक्त आते है, माता के दरबार में दुःख भूल जाते है : https://www.youtube.com/watch?v=KloC5tU4kkQ
एक रिश्ते में नयापन बनाए रखना बेहद जरूरी है। चाहे आप एक-दूसरे को कितने साल से जानते हों, लेकिन ईश्कमिजाजी आपके रिश्ते में रोमांच का तड़का लगा सकती है। इससे कपल के बीच का प्यार और लगाव मजबूत होता है और इससे आप रोजमर्रा की जिंदगी की एकरसता से भी बचते हैं। इसके अलावा इससे स्ट्रेस कम करने में भी काफी राहत मिल सकती है। इसके लिए आप मजाकिया बातें करके एक-दूसरे को हंसा भी सकते हैं या फिर रोमांटिक डेट्स और एक-दूसरे को सरप्राइज देकर भी आप इसे अपने तरीके से शानदार बना सकते हैं। फिर पता चला आपकी पत्नी कहे आप बड़े हो गये हो बचपना छोड़ो, तो बुरा ना माने, ईश्कमिजाजी ही तो बढ़ती उम्र में जवानी का उत्साह बढ़ाती है, चलो छोड़ो जी हटो मुझे काम करना है, बच्चे देखेंगे तो क्या कहेंगे?
अकेले रहने के स्थान की कद्र :
एक साथ समय बिताना किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने का एक शानदार तरीका है। यह हमें अपने साथी को बेहतर तरीके से समझने और उनके साथ एक गहरा जुड़ाव बनाने में मदद करता है। लेकिन इसके साथ ही, पार्टनर को पर्सनल स्पेस देना भी बेहद जरूरी है। जब हम अपने साथी को अकेले रहने का समय देते हैं, तो वे अपने शौक और रुचियों को पूरा कर सकते हैं और खुद को आपके ऊपर निर्भर महसूस करने से भी बच सकते हैं जिससे रिश्ते में मजबूती आती है। भावनाओं की कद्र भी बेहद जरुरी है। सिर्फ ईश्कमिजाजी ही नहीं चलेगी।
विश्वास रखना भी है जरूरी :
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किसी भी रिश्ते की सफलता का सबसे बड़ा आधार है विश्वास। जब दो लोग एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करते हैं, तो उनका रिश्ता मजबूत होता है और वे जीवन की हर चुनौती का सामना मिलकर कर पाते हैं। ऐसे में, अपने पार्टनर के साथ हमेशा ईमानदार रहें क्योंकि झूठ बोलने से विश्वास टूटता है और रिश्ते में दरार पैदा हो सकती है। इसलिए अगर आप भी उम्र के साथ रिश्ते की मजबूती को कायम रखना चाहते हैं तो पार्टनर पर बेवजह शक न करें, वो जो भी कर रहा है उम्र के तकाजे के साथ कर रहा है, उसको समझेंगे और समझायेंगे तो वो कोई गलत कदम नहीं उठायेगा।
आजमायें कुछ छोटी-छोटी बातें :
कभी साथ में खाना खायें, कभी काम से छूट्टी लें, साथ में बैठकर अपने जीवन साथी के साथ चाय की चुस्की लें, अपनी पत्नी के लिये खाना बनाना ना हो सके तो उसके लिये चाय ही बना दें, ऐसे ही छोटे काम उसके जीवन में तो बड़ी खुशियाँ ला देंगे वो भी आपको इससे बड़ी खुशियाँ देने का प्रयास करेगी
हाँ एक और बात चलिये फिर कभी :
माता का दरबार सजा है, कर लो दर्शन सारे, माता ही तो हरती है बच्चों के दुखड़े सारे : https://youtu.be/vV-2NDbbFWY
तो वो बातें ये है कि लोग पड़ोसन की तरफ भी आकर्षित हो जाते है, जो कि सभी समाज में तो गलत ही है, लेकिन इसका दुष्परिणाम ज्यादा घातक है, जहाँ टीवी सीरियल आपका बिगाड़ करने पर तुले है, वहीँ आपके आपसी संबंधों में मजबूती की कमी का फायदा दूसरे लोग भी उठा सकते है। प्यार का मतलब सिर्फ शारीरिक सम्बन्ध नहीं होता बल्कि एक-दूसरे की भावनाओं को समझना भी जरुरी होता है। जीवनसाथी आपका साथी, आपका हमसफ़र, आपका साथी होता है। पुराने समय में जीवनसाथी शब्द का इस्तेमाल क्रिया के रूप में किया जाता था जिसका मतलब होता है “शादी करना”, लेकिन आजकल, यह संज्ञा के रूप में काम करता है जिसका मतलब है पति या पत्नी। आपके जीवनसाथी को अक्सर “आपका बेहतर साथी” कहा जाता है।