कांग्रेस के शासन में भगवान श्रीराम की मूर्ति को लेकर मचा था बवाल, अब लगेगी नई मूर्ति, सामने आई ये खास जानकारी।

रायपुर : चंदखुरी भगवान राम का नौनिहाल है, भगवान राज्य के भांजे के रूप में पूजे जाते है, राज्य की संस्कृति में भांजे का बड़ा ही आदर किया जाता है, वहीँ भगवान राम जो कि विष्णु के अवतार माने जाते है वो जब राज्य के भांजे है तो यह सोने पर सुहागा है, राज्य के लोगों के लिये भगवान राम से धार्मिक तौर से ज्यादा भावनात्मक लगाव है, वहीँ कांग्रेस के शासन में भगवान राम की कुरूप मूर्ति लगाने को लेकर आम जन मानस में काफी नाराजगी थी, जिसको प्रशासन के पास कैसे रखा जाये , लेकिन फिर भी आम लोगों ने सोशल मीडिया पर ऐसी मूर्ति को लेकर विरोध जताया था। अब इसको लेकर बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में राम वनगमन पथ की पहली मूर्ति बदली जायेगी।

राजधानी के चंदखुरी में भगवान राम की 51 फीट की नई मूर्ति लगेगी। इसके लिए 2 महीने में मूर्ति बनकर हो तैयार हो जाएगी। इस मूर्ति को दो टन के 14 सैंड स्टोन जोड़कर आकार दिया जाएगा। ग्वालियर के मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा 51 फीट ऊंची इस मूर्ति को तैयार कर रहे हैं। अयोध्या भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राज्य तत्कालीन संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसकी पहल की थी, जो अब रंग ला रही है। इस मूर्ति को बदलने को लेकर हमारे पत्रकार बंधू राकेश डेंगवानी ने भी कई बार इसकी मांग की थी। उन्होंने प्रण लिया था कि जब तक इस मूर्ति को नहीं बदला जायेगा , तब तक वह चंदखुरी दर्शन के लिये नहीं जायेंगे, जो कि अब संभव होने जा रहा है।

इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार मूर्ति को बनाने में करीब 78 लाख रूपये का खर्च आ सकता है। इसके लिए ग्वालियर के पहाड़ों से मंगवाए गए दो टन के 14 पत्थरों को जोड़कर मूर्ति आकार को दिया जा रहा है। शिवरीनारायण और सीतामढ़ी हरिचौका में लगी मूर्ति की तरह ही अब चंदखुरी के लिए भी तैयार की जा रही है। राम वनगमन पथ में 9 जगहों को चिन्हित किया गया था। इसमें से 7 जगहों चंदखुरी, शिवरीनारायण, सीतामढ़ी हरिचौका, राजिम, चंपारण, नगरी सिहावा, रामगढ़ में मूर्ति लगाई गई है।

मूर्ति बदलने का निर्णय सही :

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चंदखुरी में भगवान राम की प्रतिमा बदले जाने पर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि, कांग्रेस शासन काल में सारे काम गलत हुए हैं। भगवान राम की प्रतिमा राम जैसी दिखनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित मूर्ति अलग दिखती है। इसलिए मूर्ति बदलने का निर्णय हुआ है, कांग्रेस के भाजपा नेताओं के नजरों में दोष वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, कांग्रेस के लोग खुद अपना चश्मा बदलकर देखे क्या है। उन्होंने क्या बनाया है वो दिख जायेगा जो निर्णय हुआ है सही हुआ है। वहीँ इस कुरूप मूर्ति को भी आम जन मानस स्वीकार नहीं कर पा रहा था, लेकिन प्रशासन के आगे मजबूर था। वहीँ मूर्ति बदलने को लेकर कांग्रेस विरोध करने लगी है, जो कि वर्तमान में आस्था के विरुद्ध मूर्ति का समर्थन कर रही है।