रायपुर : दशहरा के दिन पर भगवान श्रीराम ने दशानन रावण का वध किया था। इससे पूर्व भगवान श्रीराम ने रावण से युद्ध करने से पहले शमी पेड़ की पूजा की थी। विजयदशमी पर्व, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है, इस शनिवार को पूरे धूमधाम से मनाया जायेगा। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे हर साल रावण के पुतले का दहन करके मनाया जाता है। राजधानी में प्रतिवर्ष की तरह दशहरा पर विशेष आयोजन किये जा रहे है, इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे बड़े-बड़े रावण के पुतले, जो विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं।
शस्त्र पूजन और रावण दहन का कार्यक्रम :
दशहरा के अवसर पर सुबह से ही मंदिरों में शस्त्र पूजन का आयोजन होगा, जहां लोग अपने शस्त्रों की पूजा करेंगे। इसके बाद रात में रावण के पुतले का दहन किया जायेगा, जिसमें लोग बुराई के प्रतीक रावण को आग के हवाले करके अपने दुःख-दर्द को दूर करने की कोशिश करेंगे। इस दिन 10 दिन से चलने वाले युद्ध में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया था और भगवान राम ने रावण का अंत करके लंका पर विजय प्राप्त की थी। इस वजह से इस दिन शस्त्र पूजा, दुर्गा पूजा, राम पूजा और शमी पूजा का महत्व है।
डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में सबसे बड़ा उत्सव :
राज्य का सबसे बड़ा दशहरा उत्सव डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में आयोजित किया जाता है, जहां इस वर्ष 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है। इस आयोजन में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रीगण शामिल होंगे और वे बटन दबाकर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व का भी है, जिसमें लोग एकजुट होकर विजय का उत्सव मनाते हैं। यहाँ आसपास के क्षेत्रों सहित कई गाँव से लोग आयोजन में शामिल होने परिवार सहित आते है।
रामसेना का उद्घाटन :
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दूधाधारी मठ द्वारा रावण भाटा में भी हर वर्ष दशहरा उत्सव मनाया जाता है, यहाँ लगभग 25 किलोमीटर के क्षेत्र में बसे गाँव वासी दोपहर से ही परिवार सहित जुटना शुरू हो जाते है। वहीँ कार्यक्रम के आयोजन में दूधाधारी मठ से बालाजी की पालकी निकाली जाएगी, जिसमें श्रीराम की सेना रावणभाठा मैदान पहुंचेगी। रामलीला का आयोजन करने के बाद 65 फीट ऊंचे रावण का पुतला जलाया जायेगा। यह आयोजन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों का भी समावेश करता है।
दशहरा उत्सव में न केवल रावण दहन होगा, बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। रामलीला, लोक संगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ इस पर्व की विशेषता रहेंगी। यह अवसर लोगों को एकत्रित करके सामुदायिक भावना को प्रोत्साहित करता है और भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दर्शाता है। शाम को 7 बजे के बाद रावण भाटा क्षेत्र में दो किलोमीटर तक यातायात अस्त व्यस्त हो जाता है, कृपया इस हेतु ध्यान रखें। आवाजाही बंद रहेगी।