गैंगस्टर अमन साहू नहीं लड़ सकेगा चुनाव, हाईकोर्ट से याचिका खारिज।

रायपुर : अमन साहू, रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला है और उस पर झारखंड में रंगदारी, हत्या, एक्सटॉर्शन सहित 100 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह एक समय में हार्डकोर नक्सली भी रह चुका है, लगभग 2013 में उसने अपना गैंग बनाया था. कोरबा में हुए गोलीकांड के बाद रायपुर पुलिस ने उसके 4 गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया था। वर्तमान में वह तेलीबांधा शूट आउट को लेकर गिरफ्त में है। अब सामने आया है कि चुनाव लड़ने की ईच्छा पलने वाले गैंगस्टर अमन साहू झारखंड की बड़कागांव विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ सकेगा। बिलासपुर हाईकोर्ट ने अमन साहू के वकील द्वारा दायर चुनाव लड़ने के आवेदन को खारिज कर दिया है। वकील ने कोर्ट में यह याचिका दाखिल की थी कि अमन साहू को नामांकन भरने के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति की अनुमति दी जाए। बड़कागांव विधानसभा के नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है, और अब अमन इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेगा।

हालांकि, दूसरी तरफ झारखंड हाईकोर्ट में भी अमन साहू की तरफ से भी चुनाव लड़ने की अनुमति के लिए एक अलग आवेदन लंबित है, जिसकी सुनवाई गुरुवार को होगी। शनिवार को अमन साहू के वकील हेमंत सिकरवार ने झारखंड से आकर अमन के हस्ताक्षर नामांकन पत्र पर करवाए थे। इसके बाद, झारखंड हाईकोर्ट से अनुमति की उम्मीद में आवेदन किया गया है। अमन साहू के मामले में हाल ही में खुलासा हुआ है कि वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ नहीं है।

गौरतलब है कि अमन साहू इस समय रायपुर पुलिस की रिमांड पर है। उस पर कारोबारी से रंगदारी वसूलने के लिए अपने गुर्गों से फायरिंग करवाने का आरोप है। यह फायरिंग रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर की गई थी। पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जबकि अमन को झारखंड से प्रोडक्शन वारंट के तहत लाया गया था, जिसको लेकर सुनवाई और तहकीकात चल रही है।

तेलीबांधा गोली कांड में हो रही पूछताछ :

अमन साहू से रायपुर पुलिस विभिन्न मामलों में पूछताछ कर रही है। विशेष रूप से, तेलीबांधा थाना क्षेत्र में हुए गोलीकांड की जांच के लिए उसे रिमांड पर लिया गया है। इस घटना में पीआरए ग्रुप के दफ्तर के बाहर फायरिंग हुई थी, जिसका आरोप अमन साहू और उसके गुर्गों पर है। पुलिस के अनुसार, पीआरए ग्रुप ने झारखंड में 800 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण का ठेका लिया था, जिसके बाद उनसे रंगदारी की मांग की गई थी। रंगदारी न मिलने पर अमन के इशारे पर फायरिंग की गई थी। पुलिस रिमांड की अवधि 25 अक्टूबर को समाप्त हो रही है, जिसके बाद अमन को फिर से कोर्ट में पेश किया जायेगा, पूछताछ में खास जानकारी सामने आने की उम्मीद है, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में यह कुख्यात है।