रायपुर : आर्थिक तंगी के कारण कई लोग काफी परेशान चल रहे है, कुछ माह पूर्व मठपुरैना और टिकरापारा से ऐसे आर्थिक तंगी के दो मामले सामने आये, जिसमें परेशान व्यक्ति को आत्महत्या के लिये मजबूर होना पड़ा था। बीमारी के इलाज में पूरा पैसा खत्म हो जाने और कर्जा बढ़ जाने के कारण उक्त पीड़ित ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसे ही अब फाफाडीह निवासी नितेश दुबे ने सोमवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। नितेश ने कुछ समय पहले एक ई-रिक्शा को फाईनेंस कराया था, काम ना चलने और कर्ज बढ़ने के कारण आर्थिक तंगी के चलते वह समय पर किश्त नहीं भर पा रहा था, जिससे वो लगातार परेशान था। नितेश के परिजनों ने आरोप लगाया है कि फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंटों द्वारा उन पर काफी दबाव बनाया जा रहा था और बार-बार फोन कर अपशब्द कहे जा रहे थे। इसी के बाद मानसिक तनाव लगातार बढ़ता रहा और परेशान होकर नितेश ने यह घातक कदम उठा लिया।
गंज पुलिस के अनुसार, नितेश की पत्नी कोरबा में अलग रहती थीं और दोनों में विवाद होने के कारण नितेश पहले से ही मानसिक रूप से परेशान था। सोमवार को फाईनेंस कंपनी के एजेंट नितेश से मिलने आए और किश्त के लिए दबाव बनाया। इसके बाद ही नितेश ने रात को फांसी लगा ली। पुलिस ने बताया, परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं और मामले की जांच कर रहे हैं। नितेश की मां ने पुलिस को बताया कि वह पहले से ही अलगाव और आर्थिक तंगी से जूझ रहे था और एजेंटों के दबाव ने उनकी स्थिति और भी गंभीर कर दी।
फाइनेंस कंपनी के खिलाफ हो कार्यवाही :
परिजनों ने पुलिस लाइन स्थित शोरूम के पास नितेश के शव को रखकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि फाइनेंस कंपनी और उनके रिकवरी एजेंटों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। परिजन नितेश की आत्महत्या से काफी दुखी है।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अनदेखी :
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सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि कर्ज वसूली के दौरान किसी भी ग्राहक को मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि वसूली प्रक्रिया के दौरान ग्राहक की मानसिक स्थिति का विशेष ध्यान रखा जाए।
हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। सभी पहलुओं की जांच के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी। – लखन पटेल, थाना प्रभारी, गंज