रायपुर : साईबर ठगी के बढ़ते मामलों के खिलाफ पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं, पुलिस लगातार इन पर कार्यवाही करने में जुटी हुई हहै, जिससे कई पीड़ितों का पैसा वापस मिल पाया है, ठगी के बाद पैसा वापस पाने के लिये क़ानूनी नियम के अनुसार कार्यवाही करनी पड़ती है। वहीँ अब फिर से साईबर थाना रायपुर की टीम ने शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट और फर्जी आयरन सप्लाई के नाम पर ठगी करने वाले चार साईबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी वेस्ट बंगाल, रायपुर और महासमुंद से पकड़े गए है, इनके पास से करीब 40 चालू बैंक खाता, 3 कार, 6 मोटरसाइकिल, एटीएम कार्ड और सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं। इन्होंने अलग – अलग तरीके से बड़ी ठगियों को अंजाम दिया है।
शेयर ट्रेडिंग में फर्जी मुनाफे का झांसा देकर 22 लाख की ठगी :
पीड़ित प्रमोद बजाज ने शिकायत दर्ज कराई कि उनसे शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का झांसा देकर 22 लाख रुपए की ठगी की गई है। इस मामले में पहले से ही तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी थी। जांच के दौरान तापस बनर्जी नामक आरोपी का नाम सामने आया था, जो हावड़ा, वेस्ट बंगाल का रहने वाला है। उसने ठगी की रकम को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर छुपाने की कोशिश की थी। तापस के पास से बैंक खाता, मोबाईल और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। आरोपी अब गिरफ्त में है।
आयरन सप्लाई के नाम पर फर्जी ई-वे बिल बनाकर 43 लाख ठगे :
प्रार्थी किशोर राजदेव से आयरन सप्लाई के नाम पर फर्जी ई-वे बिल बनाकर 43 लाख रुपए की ठगी की गई। आरोपी सूरज सिंह, जो वेस्ट बंगाल का निवासी है, ने फर्जी बैंक खाता खोलकर ई-वे बिल तैयार किया और रकम को ट्रांसफर किया। साईबर पुलिस ने सूरज के पास से सिम कार्ड और मोबाइल जब्त किया है। यह आरोपी भी अब पुलिस की गिरफ्त में है।
शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1.16 करोड़ की ठगी :
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महेश चंदानी से शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा का वादा कर 1.16 करोड़ रुपए ठगे गए। इस मामले में आरोपी कमल खट्टर को रायपुर के शंकर नगर से गिरफ्तार किया गया। कमल के पास से 3 कार, 6 मोटरसाइकिल, 40 चालू बैंक खाता, मोबाईल और सिम कार्ड भी बरामद हुए। उसने इस ठगी के लिए कई बैंक खातों का इस्तेमाल किया और उसे निवेश के रूप में दर्शाया था।
क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 21 लाख की ठगी :
प्रार्थी निकिता पवार ने शिकायत दर्ज कराई कि उनसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कराने के नाम पर 21 लाख रुपए की ठगी की गई। इस मामले में आरोपी महेश जैस को महासमुंद से गिरफ्तार किया गया था। महेश बैंक खाते का सप्लायर था और ठगी में इस्तेमाल होने वाले बैंक खाते और सिम कार्ड की व्यवस्था कर रहा था। पुलिस ने उसके पास से भी बैंक खाता, मोबाईल और सिम कार्ड और अन्य सामान जब्त किए हैं।
सतर्क रहें, ठगी से बचें :
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रायपुर साईबर थाना की टीम ने आईजी अमरेश मिश्रा के निर्देशन में इन साईबर अपराधियों की पहचान कर कार्यवाही की है। इस ऑपरेशन में तकनीकी साक्ष्यों की मदद से आरोपियों की गतिविधियों को ट्रैक किया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया गया है। साथ ही पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है कि ठगी से बचें।