कांकेर : वन्य जीव लगातार भोजन की तलाश में शहरों की तरफ निकल पड़ते है, कई बार ऐसी घटनायें सामने आई है, ऐसी ही एक और घटना कांकेर जिले से सामने आई है, यहाँ भी लगातार वन्य जीव रिहायशी क्षेत्रों में आते रहते हैं। ऐसे ही कांकेर नेशनल हाइवे सड़क किनारे अचानक एक भालू आ गया। वहां पर खड़ा युवक हमले में बाल-बाल बचा। वहीं कुत्ते भी भालू की तरफ दौड़ने लगे। घटना का सीसीटीवी फूटेज भी सामने आया है, जो कि वायरल हो गया है।
रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों की बढ़ रही आमद :
कुछ दिनों पहले ही दुधावा क्षेत्र के साईंमुंडा गांव के पास 35 हाथियों का झुंड आ धमका था, इसका विडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। वहीँ अन्य जगह पर देर रात अमोड़ा गांव में 5 भालू राशन दुकान में घुस गए। तीन दिन पहले भी यहां दो भालू घुसे थे। आए दिन क्षेत्र में वन्य जीवों की आवाजाही से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कांकेर जिला नक्सल घटनाओं को लेकर तो चर्चा में रहता ही है लेकिन अब एक दूसरे कारण से भी जिला चर्चे में है। रोजाना वन्य प्राणियों की आबादी वाले इलाके में घुसने से दहशत का माहौल बना हुआ है। भालुओं ने आस- पास के क्षेत्रों में इसी तरह की दहशत फैलाई है। कांकेर शहर और आस- पास के क्षेत्रों पहाड़ियों से घिरे हुए है। जहां बड़ी संख्या में भालू और तेंदुए की मौजूदगी है।
गांव में 35 हाथियों की मौजूदगी से दहशत :
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जंगलों की लगातार कटाई और विकास के कारण कई बार पशु शहरों की तरफ निकल आते है, वन्य प्राणियों की इस आमद से लोगों में दहशत का माहौल है। वहीं वन विभाग सिर्फ कार्यवाही करने भालुओं और तेंदुओं को पकड़ने का दम भर रहा है। अब तक मैदानी कार्यवाही शून्य है। जिसके कारण लोगों में दहशत कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भालू उदय नगर और राम नगर में दो लोगों पर हमला भी कर चुका है। बीते 1 माह में 5 अलग- अलग इलाकों में अजगर पकड़े जा चुके हैं।
रिहायशी क्षेत्रों की तरफ आ रहे वन्यप्राणी :
पिछले महीने जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर 5 तेंदुओं का झुंड देखा गया था जो अभी भी इसी क्षेत्र में मौजूद है। वन विभाग के अनुसार इस इलाके में 8 तेंदुए हैं। वहीं दुधावा क्षेत्र से लगे एक गांव में तेंदुए तीन बच्चों पर हमला कर चुके हैं। जिसमें एक की मौत भी हो गई थी जबकि 2 बच्चे घायल हुए थे। बीते सप्ताह गढ़िया पहाड़ में तेंदुआ नजर आया था। भालू यहां रोजाना देखे जा रहे हैं। इस कारण क्षेत्र के लोगों में काफी दहशत है।