मुंबई (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र चुनाव के बाद सभी प्रमुख नेताओं ने शपथ ग्रहण कर ली है, अब मंत्रीमंडल का विस्तार होना है, जिसको लेकर काफी उत्सुकता है। महाराष्ट्र कैबिनेट विस्तार को लेकर अब मंथनों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार दोनों दिल्ली में हैं। अब मंत्रालय बंटवारे और कैबिनेट विस्तार की तस्वीर साफ हो सकती हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में सीएम, डिप्टी सीएम ने एक हफ्ते पहले शपथ ली थी, लेकिन अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ हैं। मंत्रिपरिषद में किस-किस को जगह मिल सकती है इसको लेकर जल्द ही तस्वीर साफ हो सकती है। वहीँ एकनाथ शिंदे की नाराजगी दूर तो हो गई है, लेकिन विभागों को लेकर मामला उलझ सकता है।
सूत्रों के मुताबिक पावर शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है। भाजपा के हिस्से के सिर्फ दो से तीन विभाग सहयोगी दलों के पास जा सकते है। भाजपा अपने सहयोगी दलों को सिर्फ राजस्व और आवास हाउसिंग विभाग और पीडब्ल्यूडी देने की तैयारी में है। भाजपा गृह विभाग के साथ ही शहरी विकास विभाग भी अपने पास रखना चाहती है और बदले में शिवसेना को राजस्व और पीडब्ल्यूडी देने को तैयार है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे नहीं माने तो अर्बन डेवलपमेंट शिवसेना और राजस्व भाजपा के पास रहेगा। वहीँ इसकी तस्वीर जब तक स्पष्ट नहीं हो सकती , कह पाना मुश्किल है।
भाजपा के कोटे में यह विभाग हो सकते हैं :
गृह-शहरी विकास/ राजस्व (दोनों में से एक), लॉ एंड ज्यूडिशियरी, सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास-बिजली ऊर्जा, सार्वजनिक लोक निर्माण, पर्यावरण, वन, आदिवासी जैसे सभी महत्वपूर्ण विभाग बीजेपी के पास रह सकते हैं।
शिवसेना – राजस्व, शहरी विकास दोनों में से एक, सार्वजनिक कार्य (PWD), श्रम, स्कूल शिक्षा, राज्य उत्पाद शुल्क, जल आपूर्ति और स्वच्छता, परिवहन विभाग शिवसेना को मिलने की संभावना है।
एनसीपी – वित्त और योजना, हाउंसिंग आवास, चिकित्सा शिक्षा ( मेडिकल एजुकेशन), खाद्य और नागरिक आपूर्ति, महिला और बाल कल्याण, राहत और पुनर्वास, खाद्य और औषधि प्रशासन जैसे विभाग एनसीपी के पास बने रहने की संभावना है।
फडणवीस कैबिनेट का पहला विस्तार 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र के पहले करने की संभावना है। तीनों दलों में विभागों पर सहमति बनी तो अगले 2 दिन में कैबिनेट विस्तार हो सकता है। नहीं तो नागपुर सत्र के बाद किया जाएगा। वहीं, आपको बता दें कि पिछली सरकार में जिन मंत्रियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, उनका पत्ता कट सकता है।
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महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना द्वारा अपने तीन नेताओं को नये कैबिनेट में मौका नहीं देने की संभावना हैं, जबकि वे पिछली सरकार में भी मंत्री थे, क्योंकि उनके प्रदर्शन को लेकर शिकायतें हैं, जिसको लेकर पार्टी का निर्णय क्या होगा, यह देखने के लिये इन्तेजार करना होगा। पार्टी के एक नेता ने इसकी जानकारी दी। शिवसेना नेता ने बताया कि पार्टी उनके स्थान पर नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल कर सकती है।
मंत्रियों का कोटा ऐसे हो सकता है –
बीजेपी के कोटे से 20-21, शिंदे शिवसेना 12-13, अजीत एनसीपी 9-10
विधायकों को शपथ दिलाई जा सकती है जिसमें –
बीजेपी के 15-16, शिंदे शिवसेना 8-9, अजीत एनसीपी 8-9