एकता की बड़ी मिसाल : ओड़िशा की इस दरगाह पर 350 सालों से ज्यादा समय से हिन्दू और मुस्लिम मना रहे है, मकर संक्रांति पर्व।

बालासोर (ओड़िशा) : बालासोर में हिंदू और मुसलमान सालों से साथ में मिलकर मकर सक्रांती का त्योहार मनाते हैं। इस साल भी यहां एक अदभुत नजारा देखने को मिला है। पटारा क्षेत्र में हजरत सैयद जमाल साहा बाबा की दरगाह पर हजारों की तादाद में हिंदू और मुसलमान मकर सक्रांति का त्यौहार मनाने के लिए उमड़ पड़े। हजरत सैयद जमाल साहा बाबा की दरगाह पर हिंदू और मुसलमान सालों से मकर सक्रांति का त्योहार मनाते आ रहे हैं। इस दौरान यहां मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। कई दिनों तक यह दरगाह अकीदमंदों से खचाखच भरी रहती है। यहाँ भारी संख्या में ;लोग जमा होते है।

यहाँ अगले तीन दिनों तक हजरत सैयद जमाल साहा बाबा की दरगाह पर अकीदतमंदों का खूब आना जाना रहने वाला है जिसकी वजह से यह पूरी तरह खचाखच भरी रहेगी। 16 जनवरी को इस मेले का समापन होना है। यहां लोग चादर चढ़ाते हैं और अपनी खुशहाली के लिए दुआ करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान यहां मांगे जाने वाले दुआ की पूरी होने की संभावना ज्यादा होती है। यहाँ हिन्दुओं की संख्या काफी ज्यादा होती है।

मकर सक्रांति के दौरान मेले में आए एक व्यक्ति ने कहा कि हजरत सैयद जमाल साहा बाबा हर धर्म के लोगों की दुआओं को कबूल करते हैं और उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। यहां किसी धर्म में कोई भेद नहीं है। इस दरगाह पर हिंदू भी उतनी ही अकीदत के साथ आते हैं, जितननी अकीदत के साख मुसलमान आते हैं। यहाँ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है।

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हिंदू समुदाय इस दरगाह पर मकर संक्रांति मेले का आयोजन भी करता है। खास बात यह है कि इस बाद मकसर सक्रांति और मकर संक्रांति मेला दोनों एक साथ पड़ रहा है। इस मौके पर मौजूद एक श्रद्धालू ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से हिंदू और मुसलमान मिलकर इस मेले का आयोजन कर रहे हैं। सालाना होने वाला मकर मेला भाईचारे की भावना फैलाने का काम करता है। यहाँ यह सब लगभग 350 सालों से चल रहा है।