रायपुर : शराब घोटाला केस में ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार की सुबह वे ED दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। ED कवासी लखमा को लेकर कोर्ट के लिए रवाना हो गयी थी। कोर्ट ने उन्हें 7 दिन के लिए ED की रिमांड पर भेज दिया है। अब उन्हें 21 जनवरी को पेश किया जायेगा। कवासी लखमा से इससे पहले 2 बार ED के अधिकारियों ने पूछताछ भी की थी। कवासी लखमा ने अपने बयान में पहले कहा था कि मै तो अनपढ़ हूँ, जिस पर काफी राजनैतिक बयानबाजी भी हुई थी। मामले में ED ऑफिस जाते समय लखमा ने कहा था कि, आज पूछताछ के बुलाया गया था, इसलिए आया हूं। देश कानून के हिसाब चलता है, अगर कानून के हिसाब से बुलाएंगे, तो मैं 25 बार आऊंगा। ED के अधिकारी जो सवाल करेंगे, उसका जवाब दूंगा और उनका सम्मान करुंगा। शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था। जानकारी मिली है कि पूछताछ के बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही अब ED जल्द ही कवासी लखमा और हरीश लखमा को कोर्ट में पेश करेगी।
ईडी ने सोमवार को कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता कथित शराब घोटाले से अपराध की आय में से मासिक आधार पर नगद में बड़ी राशि “प्राप्त” करते थे, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग ₹2,161 करोड़ है। एजेंसी के अनुसार कवासी लखमा राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नकद में अपराध की आय का मुख्य प्राप्तकर्ता थे। कोर्ट ने अब सात दिन की रिमांड पर सौंपा गया है। 21 जनवरी को उन्हें कोर्ट में पेश किया जायेगा।
क्या है यह मामला?
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- शराब घोटाले में ईडी की जांच, जो कथित तौर पर 2019 और 2022 के बीच हुआ था, ने खुलासा किया कि विभिन्न अवैध तरीकों से अवैध कमीशन उत्पन्न किया गया था।
- केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, शराब की खरीद और बिक्री के लिए जिम्मेदार राज्य निकाय छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) द्वारा खरीदी गई शराब के प्रत्येक “केस” के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई थी।
- ईडी ने दावा किया कि अवैध लाभ कमाने का एक और तरीका बेहिसाब देशी शराब की बिक्री थी।
- इसमें कहा गया कि आय का कोई भी हिस्सा राज्य के खजाने तक नहीं पहुंचा और इसके बजाय सिंडिकेट द्वारा जेब में डाल लिया गया।
- एएनआई की रिपोर्ट में ईडी के हवाले से कहा गया है कि अवैध शराब विशेष रूप से राज्य द्वारा संचालित दुकानों के माध्यम से बेची जाती थी।
- ईडी ने यह भी कहा कि डिस्टिलर्स को रिश्वत दी गई ताकि वे एक निश्चित बाजार हिस्सेदारी के साथ एक कार्टेल बना सकें और यहां तक कि विदेशी शराब खंड में शामिल लोगों को रिश्वत दी गई।
कोई भी नहीं बख्शा नहीं जाएगा – डिप्टी सीएम शर्मा
इस मामले में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, लखमा के आबकारी मंत्री रहते FL-10 के नाम पर घोटाला किया गया था। अपनी ही सरकार में कवासी लखमा ठग लिए गए है। इसीलिए उनके साथ तब जो लोग थे, वे आज नहीं हैं। कानून अपना काम करेगा और कोई भी बख्शा नहीं जायेगा। स्पष्टतौर पर उपमुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही की बात कह दी है।
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साथ आपको बता दें कि शराब घोटाले मामले में एआईएस में आईएएस निरंजनदास, अनिल टूटेजा, उनके बेटे यश टूटेजा के साथ एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम शामिल है। शराब घोटला में ही अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, विजय भाटिया के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। शराब घोटाला केस में नोएडा में भी एक FIR दर्ज की गई है। यह FIR ईडी की ही शिकायत पर नोएडा पुलिस ने दर्ज की है। इसमें आबकारी विभाग के सचिव और विशेष सचिव समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है।



